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Damoh Bandakapur Temple: यहां 290 साल पहले प्रकट हुए थे जागेश्वर नाथ, हर साल बढ़ता है शिवलिंग, जानिए क्‍या है रहस्‍य

मध्‍यप्रदेश के दमोह जिले के बांदकपुर स्थित जागेश्वर धाम में विरामान शिवलिंग सालों से लोगों के लिए आश्चर्य का केंद्र बना हुआ है।

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Bansal News
Damoh Bandakapur Temple: यहां 290 साल पहले प्रकट हुए थे जागेश्वर नाथ, हर साल बढ़ता है शिवलिंग, जानिए क्‍या है रहस्‍य

दमोह। Damoh Bandakapur Temple: भारत में रहस्‍यमयी मंदिरों की कमी नहीं है। साथ ही यहां का कोई भी क्षेत्र इससे अछूता भी नहीं है। मध्‍यप्रदेश के दमोह जिले के बांदकपुर स्थित जागेश्वर धाम में विरामान शिवलिंग सालों से लोगों के लिए आश्चर्य का केंद्र बना हुआ है।

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कहा जाता है कि यह शिवलिंग हर साल बढ़ता जा रहा है। लेकिन आज तक इस मंदिर इसके पीछे का कारण रहस्‍य बना हुआ है। इस मंदिर की ख्‍याति सिर्फ मध्‍य प्रदेश तक ही सीमित नहीं है, यहां दर्शन करने के लिए संपूर्ण भारत के लोग आते हैं। इनके दर्शन करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।

बता दें कि सान 1972 से अब तक शिवलिंग की महिमा प्रतिष्ठा दिन दूनी रात चौगुनी बढ़ती जा रही है। यहां पर बसंत पंचमी से लेकर महाशिव रात्रि जैसे पर्वों पर लोगों की काफी भीड़ रहती है।

इस मंदिर में भगवान महादेव के ठीक सामने मां पार्वती की प्रतिमा है, जिसकी स्थापना 1844 में की गई थी। वहीं गर्भस्थल में भगवान जागेश्वर नाथ के सामने माता पार्वती की मूर्ति विराजमान है। जिसकी दृष्टि ठीक जागेश्वरनाथ जी महादेव पर पड़ती है।

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Bandakapur-Jageshvar-Nath

सवालाख कांवड़िया चढ़ने पर झुक जाते हैं झंड़े

यहां देश भर से कावड़िये आते हैं। ऐसी लोक मान्यता है कि यदि मंदिर में सवा लाख कावड़िए चढ़ जाते हैं तो भगवान शिव और माता पार्वती के शिखर पर लगे झंडे झुक जाते हैं। स्थानीय लोगों द्वारा ऐसा दावा किया गया है कि यह दृश्य उनके द्वारा स्वयं देखा गया है।

290 पहले स्वयं प्रकट हुए भगवान जागेश्वर

इस मंदिर को लेकर लेखकों का मत है कि त्रेतायुग में भगवान राम चित्रकूट यात्रा के पश्चात पंचवटी की दक्षिण यात्रा दमोह के पास से की होगी। जिसके प्रमाण यहां दिए गए हैं।

लेखक भैरव प्रसाद बाजपेयी ने जागेश्वर रहस्य में लिखा है कि युग परिवर्तन से यह तीर्थ क्षेत्र ध्वस्त हो गया था। साथ ही 290 वर्ष पूर्व 1711 में पुन: भगवान जागेश्वर स्वयं प्रकट हुए।

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कैसे पहुंचे बांदकपुर

बांदकपुर मंदिर तक आप सड़क मार्ग और रेल मार्ग दोनों ही पहुंच सकते हैं। यहां बांदकपुर रेलवे स्टेशन है, जहां आप  डायरेक्ट ट्रेन से पहुंच सकते हैं। रेलवे स्टेशन से यह मंदिर मात्र 4 किलोमीटर दूर है।

अगर आप सड़क मार्ग से बांदकपुर जाना चाहते हैं, तो यह शिव मंदिर मुख्य हाईवे से करीब 8 किलोमीटर दूर है। साथ ही यह ग्रामीण क्षेत्र है।

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