Door Frame Vastu Tips Dahleej ki Niyam: अक्सर ऐसा देखा गया है कि हमारे जीवन में आ रही समस्याओं के लिए कहीं न कहीं वास्तु के नियम (Vastu ke Niyam) और वास्तु दोष (Vastu Dosh) महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। अगर आप भी इस समय आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं तो आपको भी इस बात पर ध्यान देना होगा कि कहीं आपके घर में भी तो वास्तु दोष (Gher me Vastu Dosh) नहीं।
इन्हीं वास्तु नियमों (Vastu Niyam) में आज हम बात करेंगे दहलीज के नियमों (Dahleej ke Niaym) के बारे में। आपने देखा होगा पहले से समय में घरों के बाहर दहलीज (Gher ke Bahar Dahleej) होती थीं। इन दहलीजों के कुछ वास्तु नियम (Dahleej ke Vastu Niyam) होते हैं।
जिनका अगर आप पालन करते हैं तो ये आपके लिए आर्थिक उन्नति दिला सकते हैं। लेकिन यदि आप इसकी अनदेखी करते हैं तो आपको इसके गंभीर परिणाम झेलने पड़ सकते हैं। तो चलिए पंडित अनिल पांडे (8959594400) से जानते हैं घर के मुख्य द्वार की दहलीज के वास्तु नियम (Vastu Niyam) क्या हैं
किसे कहते हैं दहलीज
पुराने जमाने में हर घर में दहलीज (Gher ke Dahleej) होती थी। जब हम किसी भवन में प्रवेश करते हैं, तो सबसे पहले हमें भवन के मुख्य दरवाजे (Home Main Gate) से होकर गुजरना पड़ता है। इस मुख्य दरवाजे की निचले हिस्से को ही दहलीज कहते (What is Dahleej) हैं।
वास्तु शास्त्र में दहलीज का महत्व
वास्तु में हर चीज का अपना महत्व होता है। कुछ लोग हमेशा ऊपर देखते हैं, उनके हिसाब से दहलीज का कोई महत्व नहीं है। परंतु वास्तु शास्त्र (Vastu Shastra) के अनुसार दहलीज का भवन निर्माण में एक अपना अलग महत्व है। अगर आपके घर में वास्तु के अनुसार दहलीज के नियम (Dahleej ke Vastu Niyam) ठीक नहीं हैं तो ये कंगाली का कारण बन सकती है। परिणाम स्वरूप इसके वास्तु दोष (Vastu Dosh) से आपके घर में सुख-संपदा का प्रवेश प्रभावित हो सकता है। ऐसे में आपको आर्थिक संकट झेलना पड़ सकता है।
दहलीज के नियमों की अनदेखी के दुष्परिणाम
1- अगर आप घर के हर कमरे पर दहलीज नहीं बनवाना चाहते हैं तो कोई बात नहीं है। लेकिन मुख्य द्वार (Main Gate Vastu Dosh) और रसोई घर के दरवाजे पर दहलीज का होना आवश्यक है।
2- घर की चौखट से घर की सीमा निर्धारित होती है। इसलिए घर के बाहर रंगोली (Rangoli Design) बनवाना बेहद शुभ माना जाता है। जो अत्यंत शुभ माना जाता है।
3- अगर घर के मुख्य द्वार (Door Frame) पर चौखट बनवाते हैं तो इससे घर के अंदर एक सकारात्मक ऊर्जा बनती है। परिणाम स्वरूप इससे घर के परिवार के सदस्यों के बीच में धनात्मक संबंध रहते हैं।
4- अगर आप चाहते हैं कि परिवार के सदस्यों के बीच में अच्छे संबंध रहें तो इसके लिए चौखट पर एक चांदी का पतला (Gher ki Chaukhat par Chandi ka Taar) तार जरूर डलवाएं। ऐसा करना आपके लिए बेहद शुभ माना जाता है।
5- घर की चौखट (Door Frame) के आसपास एक पत्र में पानी भरकर, उसमें फूल रखने से धनात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
6-चौखट के सामने लक्ष्मी माता (Godess Laxmi Foot Print) के पद चिन्ह को अंकित करना चाहिए इससे घर में समृद्धि आती है।
7- दरवाजे पर स्वास्तिक बनाना चाहिए। इसके अलावा बंधनवार भी दरवाजे पर लगाया जाता है। दरवाजे के बाहर रंगोली बनाना अत्यंत शुभ होता है।
8- आपको ध्यान रखना है कि घर की दहलीज़ कभी टूटी-फूटी या खंडित नहीं होनी चाहिए। अगर ऐसा है तो बिना देरी करे इसकी तुरंत मरम्मत कराना चाहिए।
9- दहलीज़ बेतरतीब नहीं होनी चाहिए।
10-दहलीज़ मज़बूत और सुंदर होनी चाहिए।
11-दहलीज़ कंक्रीट, लकड़ी या पत्थरों से बनी हो।
12-आपको बता दें लकड़ी से बनी दहलीज़ सबसे शुभ मानी जाती है। अगर लकड़ी नहीं बनवानी है, तो मार्बल से बनवाई जा सकती है।
घर की दहलीज को और क्या कहते है
दहलीज को चौखट द्वारपिंण्डी, ड्योढ़ी, बरोठा चौखट , देहरी आदि भी कहते हैं।