नई दिल्ली। डाबर ने करवा चौथ पर अपना विज्ञापन वापस ले लिया है जिसमें एक समलैंगिक जोड़े को अपने फेम क्रीम ब्लीच के विज्ञापन अभियान में त्योहार मनाते हुए दिखाया गया है। त्वरित उपभोग वाले उपभोक्ता सामान (एफएमसीजी) बनाने वाली कंपनी डाबर ने इसके लिए बिना शर्त माफी मांगी है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर और सत्तारूढ़ भाजपा के एक नेता की प्रतिक्रिया के बाद कंपनी ने विज्ञापन अभियान वापस ले लिया है। डाबर इंडिया ने अपने ट्विटर अकाउंट पर कहा कि फेम का करवा चौथ अभियान सभी सोशल मीडिया हैंडल से वापस ले लिया गया है और अनजाने में लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंचाने के लिए हम बिना शर्त माफी मांगते हैं।
इस घटना से एक सप्ताह पहले पारंपरिक परिधान निर्माता फैबइंडिया ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर दक्षिणपंथी समूहों के विरोध के बाद अपनी नई उत्सव लाइन के बारे में एक प्रचार सामग्री को हटाया था। सोशल मीडिया पर वायरल होने वाले फेम क्रेम विज्ञापन, में दो युवतियों को अपने पहले करवा चौथ उत्सव की तैयारी करते हुए दिखाया गया है, जबकि उसमें से एक दूसरे के चेहरे पर ब्लीच लगा रही है। विज्ञापन में दोनों महिलाएं करवा चौथ के महत्व और इसे मनाने की वजह पर चर्चा करती नजर आ रही हैं। एक अन्य महिला उनके साथ आती है और उन दोनों को इस अवसर पर पहनने के लिए एक साड़ी उपहार में देती है। रात में, दोनों महिलाएं पति-पत्नी की तरह एक-दूसरे का सामना करती हुई दिखाई देती हैं। जहां एक थाली में पानी का एक गिलास हैं।
गलत तरीके से पेश करने के आरोप
इसमें दोनों महिलाओं को पार्टनर के रूप में दर्शाया गया है, जिसके बाद स्क्रीन पर फेम का लोगो दिखाई देता है और वॉयसओवर कहता है, ‘ग्लो विथ प्राइड’। हालांकि, जनता के एक हिस्से ने डाबर के इस रुख के लिए उसकी सराहना भी की। सोमवार को मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा था कि उन्होंने राज्य के पुलिस प्रमुख को डाबर इंडिया को ‘आपत्तिजनक’ सौंदर्य उत्पाद विज्ञापन को वापस लेने और उपभोक्ता सामान निर्माता द्वारा विज्ञापन वापस नहीं लेने पर कानूनी कदम उठाने का निर्देश दिया है। इससे पहले रविवार रात को डाबर ने एक अलग बयान में सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि डाबर और फेम एक ब्रांड के रूप में विविधता, समावेश और समानता के लिए प्रयास करते हैं, और हम अपने संगठन और अपने समुदायों के भीतर इन मूल्यों का गर्व से समर्थन करते हैं। बयान में कहा गया है कि हमारे अभियान भी यही दर्शाते हैं।
हम समझते हैं कि हर कोई हमारे रुख से सहमत नहीं होगा, और हम एक अलग दृष्टिकोण रखने के उनके अधिकार का सम्मान करते हैं। हमारा इरादा किसी भी विश्वास, रीति-रिवाजों और परंपराओं, धार्मिक या किसी भाव को ठेस पहुंचाना नहीं है। अगर हमने किसी व्यक्ति या समूह की भावनाओं को ठेस पहुंचाई है, तो यह अनजाने में हुआ था और हम इसके लिए माफी मांगते हैं। इससे पहले टाटा समूह के आभूषण ब्रांड तनिष्क को एक विज्ञापन वापस लेने के लिए मजबूर किया गया था, जिसमें एक अंतरधार्मिक जोड़े को उसके मुस्लिम ससुराल वालों द्वारा हिंदू दुल्हन के लिए आयोजित गोद भराई में दिखाया गया था। कंपनी ने बाद में विज्ञापन वापस ले लिया था। कपड़ों के ब्रांड मान्यवर का विज्ञापन भी विवादों के घेरे में आया था। इस विज्ञापन में शादी की पोशाक में बॉलीवुड अभिनेत्री आलिया भट्ट एक पुरानी परंपरा पर सवाल उठाती दिखती हैं। मप्र के गृह मंत्री ने भी डाबर को इस विज्ञापन को लेकर चेतावनी दी थी।