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Cyclone Mandous: तूफान से तमिलनाडु में भारी बारिश का कहर ! तेज हवाओं से पेड़ उखड़े -कहीं जलभराव

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Bansal News
Cyclone Mandous: तूफान से तमिलनाडु में भारी बारिश का कहर ! तेज हवाओं से पेड़ उखड़े -कहीं जलभराव

तमिलनाडु। Cyclone Mandous चक्रवात मांडूस ने तमिलनाडु में जहां पर कहर बरपाया हुआ है वहीं पर इसके प्रकोप से भारी बारिश का दौर जारी है जिसके चलते अरुंबक्कम की MMDA कॉलोनी में सड़कों पर जलभराव देखा गया। यहां पर चेन्नई में लगातार बारिश का दौर जारी है।तमिलनाडु के मामल्लपुरम तट पर चक्रवाती तूफान ‘मैंडूस’ के दस्तक देने के बाद आंध्र प्रदेश के दक्षिण तटीय और रायलसीमा जिलों के कई हिस्सों में शनिवार सुबह भारी बारिश हुई। आंध्र प्रदेश सरकार की स्थिति रिपोर्ट के अनुसार, शनिवार सुबह साढ़े आठ बजे तक बीते 24 घंटे में तिरुपति जिले के नैदुपेटा में सबसे अधिक 281.5 मिलीमीटर बारिश हुई।

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तेज हवाओं से उखड़ा पेड़

आपको बताते चलें कि, तमिलनाडु के चेन्नई के एग्मोर इलाके में तेज हवाओं के कारण एक बड़ा पेड़ जड़ से उखड़ गया। वही कई इलाको में जलभराव की स्थिति बनी हुई है।चेन्नई के टी नगर इलाके में एक दीवार गिरने के कारण उसके पास खड़ी 3 कार क्षतिग्रस्त हुई हैं। घटना के वक्त कारों में कोई मौजूद नहीं था। चक्रवाती तूफान ‘मैंडूस’ ने शुक्रवार देर रात यहां मामल्लपुरम के निकट दस्तक दी, जिससे तटीय तमिलनाडु में मध्यम से भारी बारिश हुई।भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के क्षेत्रीय मौसम विज्ञान केंद्र के प्रमुख एस. बालाचंद्रन ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘चक्रवाती तूफान के दस्तक देने की प्रक्रिया शुरू हो गई है, यह जारी है।’’

मैंडूस क्या होता है ?

चक्रवाती तूफान के प्रभाव से कई तटीय क्षेत्रों में मध्यम से भारी बारिश हुई। ‘मैंडूस’ अरबी भाषा का एक शब्द है और इसका अर्थ है खजाने की पेटी (बॉक्स) और यह नाम संयुक्त अरब अमीरात द्वारा चुना गया था। इससे पूर्व बालाचंद्रन ने संवाददाताओं से कहा था कि चेन्नई और पुडुचेरी के बीच, 1891 से 2021 तक पिछले 130 वर्षों में 12 चक्रवात आ चुके हैं। उन्होंने कहा था, ‘‘ यदि यह चक्रवात मामल्लपुरम के पास तट को पार करता है, तो यह तट को पार करने वाला 13वां चक्रवात होगा (चेन्नई और पुडुचेरी के बीच)।’’

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राहत कार्य जारी 

पुलिस के मुताबिक, सुरक्षा, राहत और बचाव कार्यों के लिए तमिलनाडु राज्य आपदा मोचन बल की 40 सदस्यीय टीम के अलावा 16,000 पुलिसकर्मियों और 1,500 होमगार्ड को तैनात किया गया है।इसके अलावा जिला आपदा मोचन बल की 12 टीम को तैयार रखा गया है।राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) और राज्य आपदा मोचन बल की टीम के लगभग 400 कर्मियों को पहले से ही कावेरी डेल्टा क्षेत्रों के पास सहित तटीय क्षेत्रों में तैनात किया गया है।

राहत शिविर खोलने के निर्देश

उन्होंने एसपीएसआर नेल्लोर, तिरुपति, चित्तूर और अन्नामया के जिलाधिकारियों से सतर्क रहने तथा जहां भी आवश्यकता हो, वहां राहत शिविर खोलने के निर्देश दिए। रेड्डी ने अधिकारियों को यह भी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए कि लोग उन इलाकों में बाहर न निकलें जहां भारी बारिश की संभावना है।एहतियात के तौर पर राज्य सरकार ने तिरुपति क्षेत्र में 190 लोगों को 28 राहत शिविरों में भेजा है।सरकार की रिपोर्ट के अनुसार, छोटी नदियों-कांदलेरु, मानेरु और स्वर्णमुकी में अचानक बाढ़ आने की आशंका के कारण एसपीएसआर नेल्लोर और तिरुपति जिलों को सतर्क किया गया है। चार जिलों में राज्य आपदा मोचन बल के 150 कर्मियों और राष्ट्रीय आपदा मोचन बल के 95 कर्मियों को तैनात किया गया है।

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