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हाइलाइट्स
- शरीर के अंदर देख सकेगा कैमरा
- पेरोव्स्काइट क्रिस्टल से बना नया डिवाइस
- छोटे अस्पतालों को भी होगा फायदा
Crystal Camera Technology:नई तकनीक से मेडिकल साइंस में क्रांति लाने की तैयारी हो रही है। वैज्ञानिकों ने दुनिया का पहला ऐसा क्रिस्टल कैमरा विकसित किया है, जो इंसानी शरीर के अंदर की गतिविधियों को बेहद स्पष्ट तरीके से दिखा सकता है। इस तकनीक को चीन की सूजौ यूनिवर्सिटी और अमेरिका की नॉर्थवेस्टर्न यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने मिलकर तैयार किया है। रिसर्चर्स का दावा है कि यह तकनीक जल्द ही न्यूक्लियर मेडिसिन की दिशा बदल सकती है।
कैसे काम करता है क्रिस्टल कैमरा ?
यह डिवाइस 'Perovskite Crystals' से बनाया गया है, जो गामा किरणों (Gamma Rays) को तेजी से पकड़ने की क्षमता रखता है। शोधकर्ताओं ने इसे पिक्सलेटेड सेंसर में बदला है, जैसा स्मार्टफोन कैमरों में पिक्सल होते हैं। इसकी मदद से हृदय की गतिविधि, रक्त प्रवाह और अन्य छिपी बीमारियों की तस्वीरें साफ दिखाई जा सकती हैं।
पुराने डिटेक्टर से बेहतर है कैमरा
अब तक इस्तेमाल होने वाले डिटेक्टर कैडमियम जिंक टेल्यूराइड (CZT) या सोडियम आयोडाइड (NaI) से बनते थे। CZT महंगा और बनाना कठिन है, जबकि NaI से तस्वीरें धुंधली मिलती हैं। नए क्रिस्टल कैमरे में यह कमी दूर हो गई है। यह डिवाइस कमजोर सिग्नल को भी पकड़ लेता है और मरीजों को कम रेडिएशन झेलना पड़ता है।
मरीजों और अस्पतालों को फायदा
शोधकर्ताओं का कहना है कि यह कैमरा ज्यादा स्थिर है और लगभग पूरा सिग्नल बिना नुकसान के कैप्चर करता है। इसकी सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह पुराने डिटेक्टरों से सस्ता है, जिससे छोटे अस्पताल और क्लिनिक भी इसे आसानी से खरीद पाएंगे।
मरीजों के लिए कैसे होगा फायदेमंद ?
नया क्रिस्टल कैमरा मरीजों के लिए फायदेमंद साबित होगा। इसकी मदद से उन्हें पहले की तुलना में कम रेडिएशन का सामना करना पड़ेगा। यह डिटेक्टर बेहद स्थिर है और लगभग पूरा सिग्नल बिना किसी नुकसान के कैप्चर कर लेता है। इसके कारण डॉक्टरों को अधिक सटीक स्कैन और बेहतर इलाज करने में मदद मिलेगी। सबसे बड़ी बात यह है कि यह पुराने डिटेक्टरों की तुलना में किफायती है,
जल्द बाजार में उपलब्ध होगी तकनीक
नॉर्थवेस्टर्न यूनिवर्सिटी की कंपनी 'Actinia Inc' इस क्रिस्टल कैमरे को व्यावसायिक रूप देने की तैयारी कर रही है। उम्मीद है कि आने वाले समय में यह तकनीक दुनियाभर के अस्पतालों में उपलब्ध होगी और मरीजों को बेहतर, सुरक्षित और किफायती स्कैन की सुविधा मिल सकेगी।
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