Mythology : दुनिया में ऐेसे कई रहस्य है जिनमें कुछ रहस्यों को तो इंसानों ने सुलझा लिया है लेकिन कुछ ऐसे भी रहस्य है जो पहेली बने हुए है। कुछ बातो ऐसी भी हैं जिनपर यकीन करना भी सोच से परे है। लेकन उन बातों का पौराणिक कथाओं में जिक्र है। कौवा के बारे में तो आप जानते ही होंगे लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि कौवे काले ही क्यों होते हैं। पौराणिक कथाओं के अनुसार कौवा जन्म से काला नहीं था लेकिन उसकी एक गलती ने उसे काला बना दिया।
सफेद रंग के पैदा हुए थे कौए
पौराणिक कथाओं की माने तो कौवा जन्म के समय सफेद रंग का पैदा हुआ था। उस समय एक ऋषि मुनि ने कौवे को अमृत ढूंढकर लाने को कहा था। इसके साथ ही ऋषि ने कौए को चेतावनी दी कि वो अमृत लेकर सीधे आश्राम आए। वह गलती से भी अमृतपान ना करे। इसके बाद कौवा कई सालों तक अमृत की तलाश में घूमता रहा। एक दिन उसे अमृत मिल गया। लेकिन कौवा ऋषि की चेतावनी भूल गया और अमृत पीने की गलती कर बैठ। और बचा हुआ अमृत लेकर ऋषि के पास पहुंचा गया।
ऋषि ने कौवे को दिया श्राप
जब कौवा अमृत लेकर ऋषि के पास पहुंचा तो उसने अमृत पीने की कहानी ऋषि को बताई इसके बाद ऋषि क्रोधित हो उठे, उन्होंने अमृत के अशुद्ध बताकर कौवे को श्राप दे दिया। उन्होंने कौवे पर काले कमंडल का पानी छिड़कते हुए कहा कि अब से लोग कौवे से घृणा करेंगे और उसे अशुभ मानेंगे। इसके बाद से कौए काले रंगे के हो गए। बात दें कि पितृ पक्ष माह के दौरान ही कौवों की पूछपरख होती है। इसके बाद कौवों को अशुभ माना जाता है।