राजगढ़। प्रदेश में कोरोना की रफ्तार अब कम होने लगी है। रोजाना सामने वाले नए कोरोना मरीजों के आंकड़ों में कमी देखने को मिल रही है। कोरोना के मामलों में कमी को देखते हुए 1 जून से प्रदेश में अनलॉक की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। लॉकडाउन खुलने ही गांव अंचल में अंधविश्वास देखने को मिलने लगा है। राजगढ़ जिले के चाटूखेड़ा मंदिर परिसर में कोरोना नियमों को ताक पर रखकर अंधविश्वास का मेला देखने को मिला है। यहां चाटूखेड़ा मंदिर परिसर में कथित रूप से दो महिलाओं को देव परियां आ गईं। इस दौरान यहां सैकड़ों ग्रामीणों की भीड़ जमा हो गई। यहां कोरोना नियमों को ताक पर रखकर ग्रामीणों के ऊपर देव परियां आने वाली महिलाओं ने पानी फेंका। पानी के छींटे फेंकर यह दावा किया गया कि यह पानी पी लो तो कोरोना छू भी नहीं सकता।
कोरोना ठीक होने का दावा
इतना ही नहीं इस पानी को पीने के बाद कोरोना संक्रमित भी ठीक हो जाएगा। इस खबर के फैलने के बाद यहां के आस-पास के ग्रामीणों के सैकड़ों ग्रामीण इकट्ठे हो गए। यहां देखते ही देखते लोगों की बड़ी संख्या में भीड़ जमा हो गई। कोरोना नियमों को ताक पर रखकर यहां के ग्रामीणों ने न ही मास्क पहना था और न ही सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया गया था। बता दें कि मंगलवार को यहां पूरे दिन यह कार्यक्रम चलता रहा। न ही प्रशासन को कोई खबर मिली और न ही कोई जागरुक वहां रोकने पहुंचा। यहां ग्रामीणों ने अंधविश्वास के चलते कोरोना नियमों को धता बताते हुए भीड़ इकट्ठी कर ली। बता दें कि कोरोना को लेकर ग्रामीण अंचलों में काफी अंधविश्वास फैल रहा है।