अजय नामदेव, शहडोल। ये वर्दीधारी नियम और कानून का पाठ क्या पढ़ाएंगे। यहां तो नैतिकता की राह दिखाने वाली पुलिस के 2 अधिकारी ही वर्दी की गरिमा को तार-तार कर रहे थे। कानून का रक्षक ही भक्षक बन गया, तो फिर समाज विरोधी तत्वों से निबटने के लिए जनता किसके पास जाए। जहां फरियाद के लिए पहुंचने पर न्याय मिलता है, वहीं से अन्याय होने लगे तो यही होता है जैसा बुढ़ार थाने में हो रहा था। बुढ़ार थाने में पदस्थ उपनिरीक्षक (SI) व सहायक उप निरीक्षक (ASI) ने मिलकर एक ग्रामीण को गांजे के फर्जी मामले में फंसाने के नाम पर 50 हजार रुपयों की मांग की और मांडवाली कर 40 हजार रुपए ले लिए। इतना ही नहीं गलत तरीके से धारा 151 के तहत मामला भी कायम कर दिया। जिसकी शिकायत ग्रामीण ने शहडोल एसपी से की। ग्रामीण की इस शिकायत पर एसपी ने कार्यवाही करते हुए दोनों पुलिस अधिकरियों को निलंबित कर दिया है। वहीं जिले के पपौन्ध में पदस्थ आरक्षक आशीष तिवारी को पुलिस अधीक्षक अवधेश गोस्वामी ने बिना विभागीय अनुमति के कार खरीदकर, उक्त वाहन में अप्रत्यक्ष रूप से गांजा के तस्करी में संलिप्त होने के आरोप में निलंबित किया है।
यह है मामला
धनपुरी थानां क्षेत्र के बंगवार कालोनी निवासी सुद्धू कोल ने शहडोल एसपी से पुलिस बुढ़ार थाने में पदस्थ उप निरीक्षक (SI) आशीष झरिया व सहायक उप निरीक्षक ( ASI ) राजेन्द्र शुक्ला परेशान कर रहे हैं। दरअसल एसआई आशीष झरिया व राजेन्द्र शुक्ला सुद्धू कोल से फर्जी गांजे के मामले फसाने के नाम पर पहले 50 हजार रुपयों की मांग की जिसके बाद 40 हजार रुपए में मामला निपटा लिया। इतना ही नहीं सुद्धू के खिलाफ गलत तरीके से 151 के तहत कार्यवाही भी की गई। फरियादी सुद्धू की शिकायत पर शहडोल एसपी अवधेश गोस्वामी ने पदस्थ उप निरीक्षक (SI) आशीष झरिया व सहायक उप निरीक्षक ( ASI ) राजेन्द्र शुक्ला को निलम्बित कर दिया। वहीं जिले के पपौन्ध में पदस्थ आरक्षक आशीष तिवारी को पुलिस अधीक्षक अवधेश गोस्वामी ने बिना विभागीय अनुमति के कार खरीदकर, उक्त वाहन में अप्रत्यक्ष रूप से गांजा के तस्करी में संलिप्त होने के आरोप में निलंबित किया है।