भोपाल। प्रदेश समेत पूरे देश में जहां कोरोना महामारी के कारण लोगों को आर्थिक संकटों का सामना करना पड़ रहा है। वहीं प्रदेश में अपराध के मामले भी कम होने का नाम नहीं ले रहे हैं। कोरोना की दूसरी लहर के दौरान लगाए गए कोरोना कर्फ्यू में भी अपराध के मामले सामने आए हैं। प्रदेश में पिछले 6 महीने में रेप के मामलों में 30 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई है। इसकी जानकारी स्टेट क्राइन ब्यूरो के आंकड़ों से मिली है। पिछले 6 महीने की बात करें तो रेप के मामलों में 2707 की बढ़ोत्तरी हुई है। यह पिछले साल की तुलना में 33 प्रतिशत अधिक है। कोरोना कर्फ्यू के दौरान भी रेप के मामलों में बढ़ोत्तरी देखने को मिली है।
प्रदेश में 10 अप्रैल के बाद से कोरोना कर्फ्यू लगाया गया था। इसके बाद 1 जून से कोरोना कर्फ्यू में छूट दी गई थी। इसी दौरान अप्रैल और मई में 741 रेप के मामले दर्ज हुए थे। बता दें कि कोरोना कर्फ्यू के दौरान अपराध के मामलों में बढ़ोत्तरी देखने को मिली थी। नेशनल क्राइम ब्यूरो के आंकड़ों के मुताबिक साल 2020 में साल 2019 के मुकाबले दो गुना रेप के मामले दर्ज हुए थे। इसके बाद स्टेट क्राइम ब्यूरो के आंकड़ों के मुताबिक साल 2020 में 4553 ज्यादा मामले सामने आए थे।
फोर्स रेप के मामले कम…
प्रदेश की एडीजी (महिलाओं के खिलाफ अपराध) प्रज्ञा रिचा श्रीवास्तव ने मीडिया को बताया कि इनमें से ज्यादातर मामले ऐसे हैं जिनमें लापता युवती अपने परिजनों के पास वापस लौटीं हैं। इसके साथ ही महिला की सहमति के साथ बनाए शारीरिक संबंधों के बाद केस दर्ज कराते समय भी रेप का मामला दर्ज होता है। वहीं शादी का झांसा देकर जैसे शारीरिक संबंधों के बाद भी रेप का मामला दर्ज किया जाता है। इन आंकड़ों में फोर्स केस के मामले काफी कम हैं।
इसके अलावा महिलाओं के खिलाफ अपराध रोकने के लिए लगातार पुलिस प्रयासों में जुटी है। सीएम शिवराज सिंह ने भी पुलिस को सख्त आदेश दिए हैं कि महिलाओं के खिलाफ अपराधों को अंजाम देने वालों के खिलाफ सख्त कार्रावाई की जाए। इसके साथ प्रदेश के सभी जिलों में ऊर्जा डेस्क भी बनाई जा रही है। इस डेस्क में पुलिस की महिला अधिकारी शामिल की जाएंगी। जो महिला अपराधों पर रोक लगाने के प्रयास में कदम उठाएंगी।