Advertisment

चालू वित्त वर्ष के पहले नौ माह में बैंकों का ऋण 3.2 प्रतिशत बढ़ा

author-image
Bhasha
भारत ने 2015-20 के दौरान व्यापार को आसान बनाने के लिए कई कदम उठाए: डब्ल्यूटीओ

मुंबई, 17 जनवरी (भाषा) बैंकों का ऋण चालू वित्त वर्ष 2020-21 के पहले नौ माह (अप्रैल-दिसंबर) के दौरान 3.2 प्रतिशत बढ़कर 107.05 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया। इससे पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि में बैंकों का ऋण 2.7 प्रतिशत बढ़ा था।

Advertisment

वहीं 27 मार्च, 2020 को समाप्त पखवाड़े में बैंकों का अग्रिम 103.72 लाख करोड़ रुपये रहा था।

भारतीय रिजर्व बैंक के आंकड़ों के अनुसार चालू वित्त वर्ष के पहले नौ माह में बैंकों की जमा 8.5 प्रतिशत बढ़कर 147.27 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गई। इससे पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि में बैंकों की जमा में 5.1 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी। बैंकों को निवेश का सुरक्षित विकल्प माना जाता है। इस वजह से बैंकों की जमा में बढ़ोतरी हुई है।

आंकड़ों के अनुसार, एक जनवरी, 2021 को समाप्त पखवाड़े में सालाना आधार पर बैंकों का ऋण 6.7 प्रतिशत और जमा 11.5 प्रतिशत बढ़ी है।

Advertisment

केयर रेटिंग्स ने अपनी हालिया रिपोर्ट में कहा है कि बैंकों की ऋण वृद्धि महामारी के शुरुआती महीनों के स्तर पर पहुंच गई है। मार्च और अप्रैल, 2020 में बैंकों की ऋण वृद्धि औसतन 6.5 प्रतिशत रही थी।

एक जनवरी, 2021 को समाप्त पखवाड़े में बैंकों की यह ऋण वृद्धि 18 दिसंबर, 2020 को समाप्त पखवाड़े की तुलना में हुई है। इसकी वजह खुदरा ऋण की मांग अधिक होना है।

हालांकि, ऋण की वृद्धि पिछले साल की समान अवधि तीन जनवरी, 2020 के 7.5 प्रतिशत की तुलना में कम रही है।

Advertisment

रेटिंग एजेंसी ने कहा है कि बैंक संपत्ति गुणवत्ता से जुड़ी चिंताओं को ध्यान में रखते हुये कर्ज देने में सतर्कता बरत रहे हैं।

हाल ही में जारी वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट के मुताबिक, दबाव के परिदृश्य को देखते हुये सभी बैंकों की सकल गैर- निष्पादित संपत्तियों में सितंबर 2021 तक 13.5 प्रतिशत तक वृद्धि हो सकती है जो कि पिछले 22 साल में सर्वाधिक होगी। एक साल पहले सितंबर 2020 में यह 7.5 प्रतिशत पर थी।

भाषा अजय

अजय महाबीर

महाबीर

Advertisment
WhatsApp Icon चैनल से जुड़ें