Proposal To Increase Circle Rate In Bhopal: भोपाल में सर्किल रिपोर्ट बढ़ाने के प्रस्ताव का क्रेडाई ने भारी विरोध किया है। क्रेडाई के अनुसार भोपाल में सर्किल रेट में प्रस्तावित अत्यधिक वृद्धि का रियल एस्टेट उद्योग, आम जनता और प्रधानमंत्री के हाउसिंग फॉर ऑल मिशन के लक्ष्यों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा।
सर्किट रेट में पहले ही हो चुकी है कई गुना वृद्धि
पिछले दशक में इंदौर के मुकाबले भोपाल में सर्किल रेट में कई गुना वृद्धि पहले ही हो चुकी है, जिससे संपत्ति बाजार अस्थिर हो गया है। इसका परिणाम ये हुआ कि भोपाल में निवेश में कमी आई है और संपत्तियों की कीमतें इतनी बढ़ गई हैं कि लोअर और मिडिल क्लास के लोगों के लिए घर खरीदना एक बड़ी चुनौती बन गया है। लगभग सर्किल रेट बढ़ाने से प्रापर्टी टैक्स में सीधी वृद्धि होती है जिससे आमजन बुरी तरह प्रभावित हो रहे हैं।
राजस्व पर प्रभाव
क्रेडाई का कहना है कि इस प्रकार की नीतियों का प्रतिकूल प्रभाव राज्य के राजस्व पर भी पड़ सकता है। दिल्ली, उत्तर प्रदेश और हरियाणा जैसे राज्यों के अनुभव से ये साबित हुआ है कि अत्यधिक सर्किल रेट से संपत्ति लेनदेन में कमी आती है, जिससे राजस्व में अपेक्षित वृद्धि नहीं होती।
क्रेडाई की मांग
क्रेडाई की मांग है कि राज्य सरकार गाइडलाइन रेट प्री-कोविड ईयर के स्तर पर लाए। उपबंधों को तत्काल खत्म करें और अगले 3 सालों के लिए सर्किल रेट में कोई वृद्धि न करें और इस अवधि में निवेश, व्यापार, और राजस्व की स्थिति का निष्पक्ष आंकलन किया जाए। ये कदम जनहित में होगा राज्य, राजधानी और राजस्व के विकास में योगदान देगा। सरकार से आग्रह है कि इस वृद्धि पर पुनर्विचार कर लोकहित और आर्थिक स्थिरता सुनिश्चित करें।
सर्किल रेट में प्रस्तावित वृद्धि का विरोध
सर्किल रेट में प्रस्तावित अत्यधिक वृद्धि के विरोध में क्रेडाई के सदस्यों ने बड़ी संख्या में इकट्ठे होकर मूल्यांकन बोर्ड के सदस्य और स्थानीय विधायक भगवान दास सबनानी को प्रतिवेदन सौंपा।
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6 नवंबर को वित्त मंत्री से मिलेंगे क्रेडाई के प्रतिनिधि
क्रेडाई का प्रतिनिधि मंडल 6 नवंबर को प्रदेश के डिप्टी सीएम और वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा से मिलेगा। इसके साथ ही 3 सालों की स्थिरता अवधि (स्टेबल लॉक-इन पीरियड) की मांग करेगा, जिससे जनहित और आर्थिक स्थिरता सुनिश्चित हो सके।
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