Coyote Malware Attack: साइबर वर्ल्ड में एक नया खतरा सामने आया है- ‘Coyote’ नामक एक खतरनाक मैलवेयर। यह मैलवेयर खासतौर पर विंडोज़ सिस्टम को टारगेट करता है और आपके कंप्यूटर की बैंकिंग व क्रिप्टोकरेंसी संबंधी डिटेल्स को चुरा लेता है।
Akamai नामक साइबर सिक्योरिटी फर्म के रिसचर्स ने इस मैलवेयर का खुलासा किया है, जो Windows के UI Automation Framework का गलत इस्तेमाल करता है।
कैसे काम करता है ये मैलवेयर?
Coyote मैलवेयर विंडोज़ के UI Automation Framework का इस्तेमाल कर यह ट्रैक करता है कि यूज़र किस वेबसाइट को एक्सेस कर रहा है- खासतौर पर क्रिप्टो एक्सचेंज और बैंकिंग साइट्स।
इसके बाद यह आपकी वॉलेट डिटेल्स और लॉगिन इंफॉर्मेशन चोरी कर लेता है।
इस मैलवेयर में कई खतरनाक तकनीकों का इस्तेमाल होता है जैसे:
- की-लॉगिंग (कीबोर्ड पर की गई हर टाइपिंग को रिकॉर्ड करना)
- फिशिंग ओवरले (फेक लॉगिन स्क्रीन के ज़रिए जानकारी चुराना)
- Squirrel इंस्टॉलर (सॉफ़्टवेयर इंस्टॉल करते समय छुपा हुआ मैलवेयर डालना)
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किन जानकारियों को चुराता है मैलवेयर?
- कंप्यूटर का नाम और सिस्टम डिटेल
- यूज़र का नाम
- इस्तेमाल की जा रही बैंकिंग व वित्तीय सेवाएं
- एक्टिव विंडो पर कंट्रोल (GetForegroundWindow API के ज़रिए)
इस मैलवेयर की एक खासियत यह है कि यह पहले से तय (हार्डकोडेड) बैंकिंग और क्रिप्टो साइट्स की सूची से सक्रिय विंडो का मिलान करता है। यदि यूज़र किसी ऐसी साइट पर होता है, तो यह तुरंत हरकत में आ जाता है।
इस जगह सबसे ज्यादा एक्टिव
हालांकि Coyote फिलहाल ब्राजील में एक्टिव है, लेकिन एक्सपर्ट्स का मानना है कि साइबर क्रिमिनल किसी भी नए मैलवेयर को पहले सीमित क्षेत्र में टेस्ट करते हैं। इसके बाद वे उसे ग्लोबल लेवल पर फैलाते हैं। यानी भारत समेत अन्य देशों में भी यह मैलवेयर जल्द ही एक्टिव हो सकता है।
कैसे करें वचाव?
सॉफ्टवेयर और सिस्टम को अपडेट रखें
अपने ऑपरेटिंग सिस्टम और सभी एप्लिकेशन को समय-समय पर अपडेट करते रहें। ज़्यादातर अपडेट्स में सुरक्षा संबंधी पैच होते हैं जो ऐसे खतरों से आपकी सुरक्षा करते हैं।
भरोसेमंद एंटीवायरस सॉफ़्टवेयर इस्तेमाल करें
एक अच्छा और ट्रस्टिड एंटीवायरस सॉफ्टवेयर इंस्टॉल करें और उसे हमेशा एक्टिव रखें। रेगुलर सिस्टम स्कैन करें और एंटीवायरस को भी अपडेट करते रहें।
अननोन ईमेल, अटैचमेंट और लिंक से दूर रहें
किसी भी अननोन सोर्स से आए ईमेल या मैसेज में दिए गए लिंक पर क्लिक न करें। साथ ही, ऐसे ईमेल के अटैचमेंट को भी न खोलें — ये मैलवेयर एक्टिव करने का ज़रिया हो सकते हैं।
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