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Cow Hug Day In India: इन दिनों जहां पर सोशल मीडिया पर वेलेंटाइन डे के दिन 14 फरवरी को काउ हग डे (Cow Hug Day) के रूप में मनाने की बात की जा रही है वहीं पर इस मौके पर जनता से गायों को गले लगाने की अपील भी की गई है। क्या आप जानते है आखिर यह ट्रेंड कहां से शुरू हुआ।
पशु कल्याण बोर्ड ने की अपील
यहां पर भारतीय पशु कल्याण बोर्ड ने 14 फरवरी को काउ हग डे (Cow Hug Day) के रूप में मनाने की बात कही जिसमें पत्र में लिखा कि, उनका मानना है कि, इससे लोगों में गायों के प्रति भावनात्मक समृद्धि आएगी और साथ ही ये व्यक्तिगत और सामूहिक खुशी को भी बढ़ाएगा।
नीदरलैंड में करते है गायों को प्यार
यहां पर नीदरलैंड्स में गायों को लेकर ऐसा प्रेम पिछले 10 सालों में ज्यादा देखने को मिला है और अब ये लोगों को प्रकृति और देश के जीवन के करीब लाने के लिए एक व्यापक डच आंदोलन का हिस्सा है. आज, रॉटरडैम, स्विटज़रलैंड और यहां तक ​​कि अमेरिका में भी गायों को गले लगाने का ट्रेंड है। यहां पर लोगों का रहना है कि, पालने का अनुभव स्वयं मवेशियों के लिए भी सुखद हो सकता है. एप्लाइड एनिमल बिहेवियर साइंस जर्नल में 2007 के एक अध्ययन में कहा गया है कि जब गायों की गर्दन और ऊपरी पीठ के विशेष क्षेत्रों में मालिश की जाती है, तो वे गहरी छूट, खिंचाव और अपने कानों को वापस गिरने देती हैं।
जानें कहां से निकला शब्द
आपको बताते चलें कि, डच भाषा में गाय को गले लगाने का मतलब है 'कोए नफ़ेलेन' (koe knuffelen). गायों को इससे काफी अच्छा महसूस होता है. जब इंसान गायों की पीठ को थपथपाते हैं तो वो उनके लिए काफी आरामदायक होता है। इससे माना जाता है कि, गाय पालना सकारात्मकता को बढ़ावा देता है और मनुष्यों में ऑक्सीटोसिन को बढ़ाकर तनाव को कम करता है।
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