COVID-19 Virus: साल 2020 पूरी दुनिया के लिए काफी घातक था। कोरोना वायरस के कारण जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया। सभी देशों ने अपनी सीमाएं बंद कर दी। वहीं, लाखों लोगों को अपनी जांच गंवानी पड़ी। कोविड वैक्सीन के बाद कोविड-19 मामलों में काफी कमी आई है। हालांकि कोरोना के इफेक्ट से लोग आज भी परेशान हैं। इसके कारण सांस लेने में परेशानी, हार्ट हेल्थ और इम्यूनिटी कमजोर हुई है।
इस बीच कोविड-19 पर हुई एक रिपोर्ट में बड़ा खुलासा हुआ है। महामारी की शुरुआत में वैज्ञानिकों को पता था कि कोरोना वायरस से दिल संबंधी समस्याओं को जोखिम बढ़ जाता है।
अब रिचर्स में पता चला है कि जोखिम संक्रमण के ठीक होने के बाद बना रह सकता है। यूनिवर्सिटी ऑफ सदर्न कैलिफोर्नियो और क्लीवलैंड क्लिनिक के शोधकर्ताओं द्वारा हाल में यह स्टडी की गई है, जिसमें पाया गया कि कोविड-19 संक्रमण के बाद हृदय संबंधी घटना का जोखिम दोगुना हो जाता है।
क्या कहती है कोविड-19 की रिचर्स
इसके अलावा स्टडी में पाया गया कि हॉस्पिटल में एडमिट होने वाले गंभीर संक्रमण से हार्ट संबंधी घटनाओं की संभावना उतनी ही बढ़ती है, जितनी पहले दिल का दौरा पड़ने से होती है। नेशनल हार्ट, लंग एंड ब्लड इंस्टीट्यूट में कार्डियोवैस्कुलर साइसेंज डिवीजन के निदेशक डॉक्टर डेविड गोल्फ ने कहा कि कई लोगों को पहले की तुलना में हार्ट अटैक पड़ने का खतरा ज्यादा है। कोविड-19 के बाद लोगों में दिल का दौरा, स्ट्रोक और हार्ट फेल्योर के खतरे का सामना करना पड़ा हैं।
अध्ययन में ब्रिटेन के 50 साल और उससे अधिक उम्र के मरीजों के एक डेटा सेट का विश्लेषण किया गया, जिसमें पहले के कुछ निष्कर्षों की पुष्टि की गई। स्टडी में पता चला कि कोविड-19 के लिए अस्पताल में भर्ती होने वालों को अगले तीन सालों में हार्ट अटैक की संभावना चार गुना अधिक थी, उन लोगों की तुलना में जिन्हें कोरोना संक्रमण नहीं था।
कैसे करें हार्ट अटैक से बचाव?
कोविड-19 के इफेक्ट चिंताजनक है। ऐसे में हेल्दी लाइफस्टाइल को फॉलो करना चाहिए। फल-सब्जियों का सेवन करें। स्मोकिंग और शराब का सेवन न करें। डेली एक्सरसाइज करें। पर्याप्त नींद लें और जरूरी वैक्सीन लगवाएं।