नई दिल्ली। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार विश्व स्वास्थ संगठन WHO ने भारत में निर्मित कोरोनावायरस वैक्सीन Covaxin को बुधवार को आपात इस्तेमाल की मंजूरी दे दी। बतादें कि WHO ने 27 अक्टूबर को भारत बायोटेक द्वारा तैयार की गई Covaxin पर समीक्षा बैठक की थी और कंपनी से इसपर और ज्यादा जानकारी देने की मांग की गई थी। लेकिन अब संगठन ने इसे दुनियाभर के लिए सुरक्षित मानते हुए मान्यता दे दी है। WHO ने कहा कि कोवैक्सीन कोरोनावायरस से बचाव करने में संगठन के मानकों पर खरी उतरी है। इसलिए यह वैक्सीन पूरे विश्व में इस्तेमाल किए जा सकती है।
इनके लिए नहीं मिली मंजूरी
WHO के पैनल ने 18 साल से ऊपर के लोगों को कोवैक्सीन दो डोजों में चार हफ्ते के अंतराल में देने के तरीके को मान्य करार दिया। हालांकि, डब्ल्यूएचओ ने गर्भवती महिलाओं के लिए इस टीके के इस्तेमाल को मंजूरी नहीं दी है। संगठन ने कहा कि गर्भवती महिलाओं पर कोवैक्सिन के इस्तेमाल पर जो डेटा दिया गया, वह अभी भी अपर्याप्त है, जिसकी वजह से पेग्रेंसी के दौरान इसकी सुरक्षा और क्षमता को आंका नहीं जा सकता ।
इससे पहले सीडीएससीओ ने भी दी थी मंजूरी
वहीं इससे पहले केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) ने कोविड-19 टीके कोवैक्सिन की उपयोग अवधि (शेल्फ लाइफ) को निर्माण की तारीख से 12 महीने तक बढ़ाने को मंजूरी दे दी थी। कंपनी के एक प्रवक्ता ने बताया कि भारत बायोटेक को शुरुआत में कोवैक्सिन की बिक्री और वितरण के लिए छह महीने की उपयोग अवधि की अनुमति दी गई थी, जिसे बाद में बढ़ाकर नौ महीने कर दिया गया था। जिसे अब निर्माण की तारीख से 12 महीने तक कोवैक्सिन की उपयोग अवधि के विस्तार को मंजूरी दे दी है।
डब्लूएचओ की मंजूरी से क्या होगा फायदा
डब्लूएचओ से भारत बायोटेक की कोवैक्सीन को मंजूरी मिलने से सबसे ज्यादा फायदा भारतीय नागरिकों को होगा। दुनिया के लगभग सभी देशों में डब्लूएचओ से मंजूरी मिली कोविड वैक्सीन को अपने आप मान्यता मिलने का नियम है। ऐसे में कोवैक्सीन की दोनों डोज लिए नागरिकों को अब दुनिया के किसी भी देश की यात्रा करने के दौरान अनिवार्य क्वारंटीन का सामना नहीं करना पड़ेगा। इससे पहले अलग-अलग देश आपसी संबंधों से हिसाब से कोवैक्सीन को मंजूरी दे रहे थे।
इन देशों ने पहले ही दी है कोवैक्सीन को मंजूरी
1. मेक्सिको 2. नेपाल 3. ईरान 4. मॉरीशस 5. फिलीपींस 6. जिम्बाब्वे 7.ओमान