नई दिल्ली। Gyanvapi Mosque Bigbreaking उच्चतम न्यायालय इलाहाबाद उच्च न्यायालय के उस फैसले को चुनौती देनी वाली मुस्लिम पक्ष की याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई के लिए सहमत हो गया, जिसमें वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में कथित तौर पर मिले ‘शिवलिंग’ का ‘वैज्ञानिक सर्वेक्षण’ कराने का आदेश दिया गया है।
जानिए सर्वेक्षण में क्या हुआ
इस सर्वेक्षण में ‘शिवलिंग’ की उम्र निर्धारित करने वाली ‘कार्बन डेटिंग’ तकनीक भी शामिल है। प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति पी एस नरसिम्हा और न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला की पीठ ने ज्ञानवापी मस्जिद प्रबंधन समिति की तरफ से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता हुजेफा अहमदी की दलीलों का संज्ञान लिया और याचिका को शुक्रवार को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करने पर सहमति जताई। अहमदी ने कहा, “इलाहाबाद उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ दायर अपील लंबित है।”
SC to hear on Friday plea of Muslim side against HC order of scientific survey of ‘Shivling’ found at Gyanvapi mosque complex in Varanasi
— Press Trust of India (@PTI_News) May 18, 2023
इलाहाबाग कोर्ट ने 12 मई को दिया ये आदेश
इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने 12 मई को अत्याधुनिक तकनीक का इस्तेमाल कर, ज्ञानवापी मस्जिद में मिली उस संरचना की उम्र निर्धारित करने का आदेश दिया था, जिसके ‘शिवलिंग’ होने का दावा किया जा रहा है। उच्च न्यायालय ने वाराणसी जिला अदालत के उस आदेश को रद्द कर दिया था, जिसके तहत मई 2022 में ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में किए गए सर्वे के दौरान मिली संरचना की कार्बन डेटिंग सहित अन्य वैज्ञानिक परीक्षण कराने के अनुरोध वाली याचिका खारिज कर दी गई थी। उच्च न्यायालय ने वाराणसी के जिला न्यायाधीश को ‘शिवलिंग’ का वैज्ञानिक सर्वेक्षण कराने के हिंदू पक्ष के अनुरोध पर कानून के अनुसार आगे बढ़ने का निर्देश दिया था।