नयी दिल्ली, 12 जनवरी (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने मंगलवार को अमेरिकी ऑनलाइन पेमेंट गेटवे पेपाल की याचिका पर वित्तीय खूफिया इकाई (एफआईयू) से उसका पक्ष पूछा, जिसमें धन शोधन कानून के कथित उल्लंघन के लिए लगाए गए 96 लाख रुपये के जुर्माने को चुनौती दी गई है।
न्यायमूर्ति प्रतिभा एम सिंह ने एफआईयू को नोटिस जारी किया और 26 फरवरी तक पेपाल की याचिका पर अपना पक्ष रखने के लिए कहा।
अदालत ने एफआईयू के उस आदेश पर भी रोक लगा दी, जिसके तहत पेपाल को अपने सभी लेनदेन के रिकॉर्ड को बनाए रखने और दो सप्ताह के भीतर उच्च न्यायालय में बैंक गारंटी जमा करने के लिए कहा गया था।
अदालत ने भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) को भी इस मामले में एक पक्ष बनाया।
अदालत ने आरबीआई और वित्त मंत्रालय से एक समिति गठित करने के लिए कहा, जो यह नीतिगत निर्णय लेगी कि क्या इस तरह की इकाइयों को एक रिपोर्टिंग एजेंसी माना जा सकता है और क्या वे धन शोधन निवारण अधिनियम द्वारा शासित होंगी?
भाषा पाण्डेय
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