Tirupati Laddu Controversy: आंध्र प्रदेश में तिरुमाला तिरुपति में श्री वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर के प्रसाद में जानवरों की चर्बी मिलाने के मामले में आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. इस मामले में अदालत ने निगरानी के अंतर्गत जांच करने वाली याचिका पर सुनवाई की।
सुनवाई के दौरान केंद्र की ओर से सॉलिसिटर (supreme court) जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट से कहा कि अगर प्रसाद में जानवरों की चर्बी मिलाने वाले आरोप सच्चे हैं तो यह अस्वीकार्य है.जनरल तुषार ने आगे कहा कि इस मामले की जांच एसआईटी की निगरानी में किसी बड़े अधिकारी की ओर से की जाए, जिससे लोगों का भरोसा बढ़ेगा।
इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने सुझाव दिया कि एक स्वतंत्र एसआईटी बनाई जाए।
सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा
सुप्रीम कोर्ट ने कहा, “इस समिति में सीबीआई (andhra pradesh) और राज्य सरकार से दो-दो सदस्य हो सकते हैं। इसके अलावा, FSSAI से भी एक सदस्य को शामिल किया जाए, क्योंकि खाद्य पदार्थों की जांच के मामले में FSSAI सबसे विशेषज्ञ शीर्ष निकाय है।
यह करोड़ों लोगों की आस्था का सवाल है, और हम नहीं चाहते कि यह मुद्दा राजनीतिक ड्रामा बन जाए। एक स्वतंत्र निकाय होने से लोगों में विश्वास पैदा होगा।”
जगन मोहन रेड्डी ने PM को लिखा था लेटर
आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी ने प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखकर चंद्रबाबू नायडू से प्रसादम विवाद पर स्पष्टीकरण मांगने की अपील की थी। रेड्डी ने पत्र में कहा था कि नायडू तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम की पवित्रता और प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं।
उन्होंने नायडू को एक झूठा और आदतन झूठ बोलने वाला बताया और कहा कि उन्होंने राजनीतिक लाभ के लिए करोड़ों लोगों की आस्था को चोट पहुंचाई है। उन्होंने अनुरोध किया कि जो झूठ फैलाया गया है, उसकी सच्चाई को उजागर किया जाए। इससे करोड़ों हिंदू भक्तों के मन में उठे संदेह दूर होंगे और TTD की पवित्रता पर विश्वास फिर से स्थापित होगा।
क्या है पूरा मामला ?
पिछले महीने की शुरुआत में, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री (Tirupati laddu case) एन. चंद्रबाबू नायडू ने आरोप लगाया था कि राज्य की पिछली जगन मोहन रेड्डी सरकार के कार्यकाल के दौरान तिरुपति में लड्डू बनाने में पशु चर्बी का इस्तेमाल हुआ था। इस बयान से एक बड़ा राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया था।
इस मामले की सुनवाई के दौरान, सुप्रीम कोर्ट ने नायडू के इस सार्वजनिक (tirupati laddu controversy) बयान पर सवाल उठाते हुए कहा था कि लैब रिपोर्ट स्पष्ट नहीं है। कोर्ट ने पूछा था कि क्या सबूत है जिससे यह साबित हो कि तिरुपति मंदिर में लड्डू बनाने में दूषित घी का इस्तेमाल हुआ था।
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