नयी दिल्ली, आठ जनवरी (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने चर्च में कथित जबरन ‘कन्फेशन’ प्रक्रिया को चुनौती देने वाली एक याचिका पर सुनवाई शुक्रवार को तीन सप्ताह के लिए टाल दी।
पांच महिलाओं ने एक याचिका में कहा था कि किसी धर्मानुयायी पर जबरन अनिवार्य प्रक्रिया को थोपना संविधान के अनुच्छेद 25 के तहत धर्म की स्वतंत्रता के मौलिक अधिकार का उल्लंघन है।
याचिका में भारत संघ और केरल को मामले में पक्ष बनाया गया है।
वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने और समय मांगा जिसके बाद प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे, न्यायमूर्ति एस ए बोपन्ना और न्यायमूर्ति वी सुब्रमण्यम की पीठ ने मामले में सुनवाई टाल दी।
रोहतगी ने कहा कि मामला महत्वपूर्ण संवैधानिक विषयों से संबंधित है जैसे कि क्या ‘कन्फेशन’ एक आवश्यक धार्मिक प्रक्रिया है।
भाषा वैभव अविनाश
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