नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 को निरस्त किए जाने को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर बुधवार को सुनवाई शुरू कर दी। प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ बुधवार से इस मामले पर हर दिन सुनवाई करेगी।
पीठ में न्यायमूर्ति संजय किशन कौल, न्यायमूर्ति संजीव खन्ना, न्यायमूर्ति बी आर गवई और न्यायमूर्ति सूर्यकांत भी शामिल हैं। याचिकाकर्ताओं की पैरवी करने वाले वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कहा कि वह बृहस्पतिवार तक अपनी दलीलें जारी रखेंगे। न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने कहा कि अदालत याचिकाकर्ताओं की ओर से प्रमुख वकील को सभी पहलुओं पर दलीलें रखने की अनुमति देगी और बाकी वकील शेष पहलुओं पर दलीलें रख सकते हैं। पीठ ने पहले कहा था कि इस मामले में सुनवाई सोमवार तथा शुक्रवार को छोड़कर रोजाना की जाएगी।
संवैधानिक मुद्दे पर की जा रही सुनवाई
सोमवार और शुक्रवार शीर्ष अदालत में विविध मामलों की सुनवाई के दिन हैं। इन दिनों में केवल नई याचिकाओं पर ही सुनवाई की जाती है, नियमित मामलों पर सुनवाई नहीं की जाती है। शीर्ष न्यायालय ने पहले कहा था कि पांच अगस्त 2019 की अधिसूचना के बाद पूर्ववर्ती राज्य जम्मू-कश्मीर की स्थिति के संबंध में केंद्र की ओर से दाखिल हलफनामे का पांच-न्यायाधीशों की संविधान पीठ द्वारा संवैधानिक मुद्दे पर की जा रही सुनवाई पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
केंद्र ने पांच अगस्त 2019 को पूर्ववर्ती राज्य जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त कर दिया था और इसे दो केंद्र शासित प्रदेशों–जम्मू कश्मीर तथा लद्दाख–के रूप में विभाजित कर दिया था। जम्मू-कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित करने वाले जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम, 2019 और अनुच्छेद 370 के ज्यादातर प्रावधानों को निरस्त करने के केंद्र के फैसले को चुनौती देने वाली कई याचिकाओं को 2019 में संविधान पीठ को भेजा गया था।
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