/bansal-news/media/media_files/2025/12/10/australia-social-media-ban-under-16-years-instagram-facebook-hindi-news-zxc-1-2025-12-10-11-56-14.jpg)
Australia Social Media Ban: ऑस्ट्रेलिया ने 10 दिसंबर से 16 वर्ष से कम उम्र के बच्चों पर सोशल मीडिया बैन लागू कर दिया है। इसके तहत अब नाबालिग बच्चे इंस्टाग्राम, फेसबुक, टिकटॉक, यूट्यूब जैसे किसी भी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अकाउंट नहीं बना सकेंगे।
यह कड़ा कदम Online Safety Amendment (Social Media Minimum Age) Bill 2024 के तहत लागू किया गया है, जिसे एक साल पहले ऑस्ट्रेलियाई संसद ने मंजूरी दी थी। इस कानून का मकसद बच्चों को सोशल मीडिया से होने वाले मानसिक नुकसान, डेटा लीक और ऑनलाइन शोषण से बचाना है। Under 16 social media restriction
/filters:format(webp)/bansal-news/media/media_files/2025/12/10/australia-social-media-ban-under-16-years-instagram-facebook-hindi-news-zxc-2025-12-10-11-56-50.jpg)
नया कानून बच्चों या उनके माता–पिता पर जिम्मेदारी नहीं डालता, बल्कि पूरी जिम्मेदारी सोशल मीडिया कंपनियों पर है। किसी भी तरह के उल्लंघन पर प्लेटफॉर्म्स को 49.5 मिलियन ऑस्ट्रेलियन डॉलर तक का भारी जुर्माना भरना पड़ सकता है। यह कदम ऑस्ट्रेलिया को बिग टेक रेगुलेशन को लेकर दुनिया के सबसे सख्त देशों में शामिल कर देता है।
4 दिसंबर से ही अकाउंट्स को लॉक करना शुरू
/filters:format(webp)/bansal-news/media/media_files/2025/12/10/meta-2025-12-10-11-59-17.png)
रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, मेटा ने 4 दिसंबर से ही नाबालिग यूजर्स के सोशल मीडिया अकाउंट्स लॉक करना शुरू कर दिया था। इंस्टाग्राम, फेसबुक और थ्रेड्स ने लाखों ऐसे अकाउंट्स को पहचानकर निष्क्रिय कर दिया है। कंपनियों ने बच्चों और अभिभावकों को अपनी तस्वीरें और डेटा डाउनलोड करने का विकल्प भी दिया है। कुछ प्लेटफॉर्म्स ने अकाउंट ‘फ्रीज़’ करने की सुविधा भी शुरू की है, ताकि बच्चे 16 साल पूरे होने पर दोबारा लॉग-इन कर सकें। Online Safety Amendment Bill 2024
ये देश भी रेगुलेशन पर कर रहे विचार
ऑस्ट्रेलिया के इस फैसले पर पूरी दुनिया की नज़र है। डेनमार्क, यूरोपीय संघ और मलेशिया भी इसी तरह के सोशल मीडिया रेगुलेशन पर विचार कर रहे हैं। इसे ग्लोबल टेक कंट्रोल की दिशा में सबसे अहम कदम माना जा रहा है। ऑस्ट्रेलिया की इंटरनेट रेगुलेटर जूली इनमैन ग्रांट का कहना है कि बच्चों का डेटा सोशल मीडिया कंपनियों के लिए असली ‘करेंसी’ बन चुका है। उन्होंने चेताया कि प्लेटफॉर्म्स ऐसे फीचर्स का इस्तेमाल करते हैं जो वयस्कों के लिए भी खतरनाक होते हैं, तो बच्चे कैसे इससे सुरक्षित रह सकते हैं?
ये बिल पास करने का उद्देश्य
1. बच्चों को सोशल मीडिया के जोखिमों से बचाना
/filters:format(webp)/bansal-news/media/media_files/2025/12/10/should-parents-monitor-their-childrens-social-media-2025-12-10-12-00-16.jpg)
ऑस्ट्रेलिया में 96% किशोर 16 वर्ष से कम आयु के हैं। अनुमानित 4.4 लाख (13–15 साल) बच्चे स्नैपचैट पर हैं, 3.5 लाख इंस्टाग्राम पर और 1.5 लाख फेसबुक पर। सरकार का कहना है कि सोशल मीडिया साइबर बुलिंग, मानसिक तनाव, साथी-दबाव और ऑनलाइन शिकारी जैसे गंभीर जोखिम बढ़ाता है।
कई परिवारों ने ऐसे मामलों का हवाला दिया है जहां मानसिक बीमारी और आत्महत्या जैसी घटनाओं में सोशल मीडिया की भूमिका रही। सरकार इसे “प्रतिबंध” नहीं, बल्कि “विलंब (delay)” बता रही है—जैसे शराब, तंबाकू और ड्राइविंग की उम्र-सीमा।
2. टेक कंपनियां और किशोर—दोनों इस प्रतिबंध के खिलाफ
/filters:format(webp)/bansal-news/media/media_files/2025/12/10/protest-2025-12-10-12-03-45.jpg)
ऑस्ट्रेलियन ब्रॉडकास्टिंग कॉरपोरेशन की सर्वे रिपोर्ट में अधिकांश बच्चों ने कहा कि यह प्रतिबंध न तो काम करेगा और न ही उन्हें उचित लगता है। तीन-चौथाई बच्चों ने कहा कि वे फिर भी सोशल मीडिया का उपयोग करेंगे। प्रतिबंध के विरोध में दो 15 वर्षीय बच्चों ने न्यू साउथ वेल्स में संवैधानिक चुनौती भी दायर की है, यह कहते हुए कि यह उनके अभिव्यक्ति और राजनीतिक संवाद के अधिकार का उल्लंघन करता है। टेक कंपनियों ने भी कहा कि कानून जल्दबाज़ी में बनाया गया है और यह बच्चों को उन सुरक्षा फीचर्स से वंचित कर देगा जिन्हें प्लेटफॉर्म्स ने खास उनके लिए विकसित किया था। हालांकि ज्यादातर कंपनियां कानून का पालन करने पर सहमत हो गई हैं।
3. किन प्लेटफॉर्म्स पर लागू और किन पर नहीं
प्रतिबंधित प्लेटफॉर्म्स:
Facebook, Instagram, Kick, Reddit, Snapchat, Threads, TikTok, Twitch, X, YouTube
छूट प्राप्त प्लेटफॉर्म्स (मैसेजिंग/गेमिंग श्रेणी माने गए):
Discord, Messenger, Pinterest, Roblox, WhatsApp, YouTube Kids
4. ऐसे करेंगे बच्चों की Age का वेरिफिकेशन
अब प्लेटफॉर्म्स को हर यूज़र की सही उम्र की पुष्टि करनी होगी। इसके लिए वे चेहरे/आवाज़ विश्लेषण, उपयोग-पैटर्न, स्कूल-समय गतिविधि, अकाउंट की उम्र आदि कई तकनीकों का उपयोग कर सकते हैं।
कानून यह भी कहता है कि कंपनियां सिर्फ सरकारी पहचान पत्र को अनिवार्य नहीं बना सकतीं—ताकि गोपनीयता का उल्लंघन न हो।
नाबालिग बिना अकाउंट के सार्वजनिक पोस्ट या वीडियो देख सकेंगे, लेकिन एल्गोरिदम और नोटिफिकेशन जैसी “लत पैदा करने वाली” सुविधाओं से दूर रहेंगे।
5. उल्लंघन पर 49.5 मिलियन ऑस्ट्रेलियाई डॉलर तक का जुर्माना
बच्चों या अभिभावकों पर कोई दंड नहीं है।
जुर्माना केवल कंपनियों पर लगेगा यदि वे नाबालिग यूज़र्स को रोकने में विफल रहती हैं।
हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि जुर्माने का आकलन कैसे और कब किया जाएगा।
ये भी पढ़ें - RBI Repo Rate Cut: रेपो रेट 25 bps घटकर हुआ 5.25%, जानें अब कितनी कम हो जाएगी आपकी EMI
क्या भारत में ऐसे भी कानून हैं ?
/filters:format(webp)/bansal-news/media/media_files/2025/12/10/australia-social-media-ban-2025-12-10-12-04-51.jpeg)
Digital Personal Data Protection Act, 2023 (DPDP Act)
इस कानून के तहत 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों (minors) की व्यक्तिगत डेटा प्रक्रिया (data processing) तभी की जा सकती है जब उनके माता-पिता या वैध अभिभावक की “verifiable parental consent” (पिता/अभिभावक की पुष्टि-सहित अनुमति) ली जाए।
इसका उद्देश्य बच्चों के डेटा-प्राइवेसी की रक्षा करना है — जैसे कि उनकी पहचान, संवेदनशील जानकारी या उपयोग पैटर्न को बिना अनुमति के प्रोसेस करना रोकना।
Information Technology (Intermediary Guidelines and Digital Media Ethics Code) Rules, 2021 (IT Rules 2021)
ये नियम प्लेटफॉर्म्स (सोशल मीडिया कंपनियों, मैसेजिंग ऐप्स, आदि) को कुछ दायित्व देते हैं: कंटेंट मॉनिटरिंग, शिकायत-निवारण तंत्र (grievance mechanism), हेट स्पीच/गलत सूचना हटाना आदि।
हालांकि ये नियम मुख्य रूप से “मध्यमस्थ (intermediary)” दायित्वों पर हैं — बच्चों के सोशल मीडिया एक्सेस पर नहीं, यानी ये सीधे उम्र-आधारित बैन नहीं लगाते।
भारत में ऐसा प्रतिबंध आज तक क्यों नहीं आया
1. संवैधानिक-कानूनी जटिलताएं
भारत में अभिव्यक्ति-स्वतंत्रता, बाल अधिकारों और समान पहुंच से जुड़े संवैधानिक मुद्दे पाए जाते हैं। व्यापक प्रतिबंध लगाने पर संवैधानिक चुनौती और न्यायालयीन समीक्षा सुनिश्चित मानी जाएगी — जैसे ऑस्ट्रेलिया के विरोध या न्यू वोझ-किस्म की रिट्स भारत में भी हाई-कोर्ट/सुप्रीम- कोर्ट में पहुंच सकती हैं। यही वजह है कि नीति-निर्माता पहले परिकल्पनात्मक और लक्षित उपायों (डेटा-प्रोटेक्शन, इंटरमीडियरी नियम) को प्राथमिकता देते हैं।
2. मौजूदा नियम-ढांचा
भारत ने प्लेटफॉर्म-रेगुलेशन (IT Intermediary Guidelines & Digital Media Ethics Rules, 2021) और Digital Personal Data Protection Act, 2023 (DPDP Act / DPDPA) जैसे कानून/नियम लागू किए हैं जिनमें बच्चों के डेटा-प्रोसेसिंग और प्लेटफॉर्म पर जिम्मेदारियों पर प्रावधान हैं — परंतु ये सीधे तौर पर “अंडर-16 अकाउंट प्रतिबंध” जैसा समेकित बैन नहीं लगाते; वे ज़्यादा-तर डेटा-प्रोटेक्शन, शिकायत-निवारण और कंटेंट-हद्दबंदी पर केंद्रित हैं। इसलिए कड़े आयु-बैन से पहले नीति-निर्माता इन मौजूदा साधनों को लागू और परख रहे हैं।
3. तकनीकी और एन्फोर्समेंट की चुनौतियां
आयु-सत्यापन (age-verification) तकनीकें महंगी और त्रुटिपूर्ण हैं (फेस-एजी, AI-estimated age, डॉक्यूमेंट चेक आदि)। नाबालिग आसानी से VPN/फर्जी आईडी/अभिभावक-सहायता से बैन को बायपास कर सकते हैं।
भारत में डिजिटल-डिवाइड बहुत बड़ा है — रिमोट और कमजोर समुदायों में सरकारी पहचान-कागजात की पहुंच, इंटरनेट-डिवाइसेस और गोपनीयता-चिंताओं के चलते सार्वभौमिक सत्यापन लागू करना कठिन है। इन तकनीकी कारणों से नीति-निर्माता सीधे प्रतिबंध के बजाय प्लेटफॉर्म-ऑबिगेशन और शिक्षा-उपायों पर ज़ोर दे रहे हैं।
4. पारिवारिक-सामाजिक संदर्भ और अलग-आयु परिभाषा
भारत में कानूनी रूप से ‘बच्चे’ की परिभाषा अक्सर 18 वर्ष तक मानी जाती है (DPDP Act में भी)। ऑस्ट्रेलिया 16-साल की सीमा अपनाता है; भारत में आयु सीमाएँ, अभिभावकीय दायित्व, और बाल अधिकारों के अंतर को लेकर बहस ज़्यादा व्यापक है — इसलिए राष्ट्रीय स्तर पर एक-सार (nationwide) आयु-बैन तय करना जटिल है।
ये भी पढ़ें - Mahindra XEV 9S Launch: महिंद्रा ने लॉन्च की नई 7-सीटर इलेक्ट्रिक SUV XEV 9S, 3 बैटरी ऑप्शन और 500 km रेंज!
ये कंपनिया अपने यूजर्स की उम्र कैसे पहचानते है?
/filters:format(webp)/bansal-news/media/media_files/2025/12/10/australia-social-media-ban-under-16-years-instagram-facebook-hindi-news-zxc-2-2025-12-10-12-07-29.jpg)
Self-Reported Age (खुद दी गई उम्र)
जब कोई अकाउंट बनाता है, यूज़र अपनी उम्र/जन्म-तिथि खुद भरता है।
लेकिन यह तरीका सबसे कम भरोसेमंद है, इसलिए कंपनियाँ अब केवल इस पर निर्भर नहीं रहतीं।
AI फोटो-विश्लेषण (AI Age Estimation by Face)
Instagram, Facebook, TikTok आदि में अब Face Age Estimation Technology का इस्तेमाल होता है:
जब कोई उम्र बदलता है या शक होता है कि यूज़र नाबालिग है,
प्लेटफ़ॉर्म एक selfie video / selfie scan मांग सकता है।
AI एल्गोरिदम चेहरे की उम्र का अनुमान लगाते हैं (± 2–3 साल की त्रुटि के साथ)।
यह फोटो स्टोर नहीं की जाती — सिर्फ उम्र का अनुमान निकालकर डिलीट कर दी जाती है (कंपनियों का दावा)।
Meta (Instagram + Facebook) ने Yoti नामक AI कंपनी के साथ Age Estimation शुरू की है।
TikTok भी इसी तरह का face-analysis उपयोग करता है।
Behavioural Pattern Analysis (व्यवहार आधारित पहचान)
AI यूज़र की गतिविधि देखकर तय करता है कि वह बच्चा है या वयस्क:
किस तरह के वीडियो देखता है
लिखने का अंदाज़
किस समय एक्टिव रहता है
किस तरह के अकाउंट को फॉलो करता है
कौन-कौन से शब्द सर्च करता है
उसी डिवाइस पर दूसरे अकाउंट्स की उम्र
अगर पैटर्न "Teen-like" लगता है → सिस्टम user को “under 16/under 18” के रूप में flag कर देता है।
ये भी पढ़ें - Tata Sierra Vs Maruti Victoris: फीचर्स, इंजन, कीमत और साइज़ में कौन बेहतर? पढ़ें पूरा कंपैरिजन
Social Graph Analysis (दोस्तों/कनेक्शन नेटवर्क से उम्र का अंदाज़ा)
AI यह भी देखता है:
उसके अधिकतर दोस्तों की उम्र कितनी है
जिनके साथ DMs/Comments अधिक हैं → वे किस आयु समूह के हैं
अगर अधिकतर बच्चे हैं → प्लेटफॉर्म को शक होता है कि यूज़र भी नाबालिग है।
Government ID / Aadhaar / Driving License Verification (कभी-कभी)
कुछ स्थितियों में प्लेटफॉर्म यह मांग सकते हैं:
सरकारी पहचान पत्र (ID)
पासपोर्ट
ड्राइविंग लाइसेंस
Aadhaar आधारित age verification (भारत में टेस्ट चल रहा है)
लेकिन इसे अनिवार्य नहीं किया जा सकता, प्राइवेसी कानूनों के कारण।
Device & App Data (डिवाइस की जानकारी से उम्र का अंदाज़ा)
डिवाइस पर बच्चों वाले लिंक, ऐप्स, स्टडी-टाइम पैटर्न
स्क्रीन टाइम
लोकेशन (स्कूल टाइम में एक्टिविटी)
Family-managed Google/Apple Account (Kids account)
Google accounts में "under-18" का पता Family Link से स्वतः चल जाता है।
Content Upload Analysis (पोस्ट किए गए कंटेंट से उम्र पहचानना)
AI यह भी देखता है:
चेहरे की आयु
बच्चों वाला वातावरण
स्कूल यूनिफॉर्म
बच्चों की भाषा और व्यवहार
अगर अकाउंट "child-like signals" दिखाता है → Age flag लग जाता है।
ये भी पढ़ें - KIA Seltos 2026 Facelift: नया डिजाइन, डुअल-स्क्रीन इंटीरियर... क्या है खास इस बार नई Seltos में? जानें प्राइस और फीचर्स
/bansal-news/media/agency_attachments/2025/12/01/2025-12-01t081847077z-new-bansal-logo-2025-12-01-13-48-47.png)
Follow Us
चैनल से जुड़ें