
Ahmedabad Air Crash: अहमदाबाद एयर इंडिया क्रैश 2025 को 12 दिसंबर को 6 महीने बीत चुके हैं। प्लेन हादसा जिसमें 241 लोगों की जान गई और सिर्फ एक यात्री जिंदा बचा। ऐसे मामले में बेहद तेजी से जांच होनी चाहिए थी, लेकिन सरकार की तरफ से फाइल जांच रिपोर्ट तक नहीं आई। आखिर भारत के सबसे बड़े विमान हादसों में से एक अहमदाबाद एयर इंडिया क्रैश की जांच के लिए इंडियन एविएशन की बनाई टीम की जांच कहां तक पहुंची ? टीम ने 6 महीनों में क्या-क्या काम किया ? विमान हादसे में जिन यात्रियों की मौत हुई थी, उनके परिवारों को सहायता राशि मिली या नहीं ? किसी के खिलाफ कार्रवाई हुई या नहीं ? लेकिन उससे पहले जानते हैं कि ये हादसा हुआ कैसे और इसके पीछे की असल क्या वजह थी।
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पूरी टाइमलाइन पढ़ें
एयर इंडिया की फ्लाइट AI171 12 जून 2025 को अहमदाबाद से लंदन (गैटविक) के लिए उड़ान भरने के कुछ सेकेंड के भीतर दुर्घटनाग्रस्त हो गई। यह विमान बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर (VT-ANB) था और टेक-ऑफ के तुरंत बाद 1.7 किमी के भीतर गिर गया। दुर्घटना सतर Vallabhbhai Patel अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा, अहमदाबाद के पास हुई थी।
यात्री और चश्मदीद की जानकारी
विमान में कुल 242 लोग सवार थे, जिसमें 230 यात्री और 12 क्रू मेंबर शामिल थे। दुर्घटना में 241 लोगों की मौत हो गई और केवल एक व्यक्ति जीवित बचा। इसके अलावा पास के इलाके में कम से कम 19 नागरिकों की मौत हुई।
टेक-ऑफ के तुरंत बाद क्या हुआ ?
विमान ने टेक-ऑफ के लगभग 30 से 40 सेकंड बाद 180 नॉट्स की रफ्तार तक पहुंचने के तुरंत बाद ही ऊंचाई खोना शुरू कर दिया था। जारी रिपोर्ट्स के अनुसार स्विच लगभग 10 सेकंड बाद फिर से चालू किए गए, लेकिन इससे बोइंग 787 ड्रीमलाइनर को क्रैश होने से नहीं रोका जा सका।
प्रारंभिक जांच में क्या सामने आया
Aircraft Accident Investigation Bureau (AAIB) ने प्रारंभिक जांच रिपोर्ट जारी की थी जिसमें हादसा होने के ये प्रमुख कारण सामने आए...
दोनों इंजन एक साथ बंद हो गए
जांच में पाया गया कि टेक-ऑफ के कुछ सेकंड के भीतर ही विमान के दोनों इंजन के ईंधन नियंत्रण स्विच (fuel control switches) अचानक RUN से CUTOFF पोजिशन में चले गए, जिससे दोनों इंजनों में थ्रस्ट (thrust) समाप्त हो गया।
पायलटों ने स्विच वापस RUN में करने का प्रयास किया लेकिन ऊंचाई और गति खो जाने के कारण इंजन दोबारा शक्ति नहीं दे पाए।
कॉकपिट वॉइस रिकॉर्डर (CVR) ने पायलटों के बीच की बातचीत रिकॉर्ड की:
एक पायलट ने पूछा: “Why did you cut off?”
दूसरे ने जवाब दिया: “I didn’t do it.”
इससे यह संकेत मिलता है कि स्विच का CUTOFF होना अनचाहा या अनपेक्षित था, न कि जानबूझकर किया गया।
तकनीकी दोष या अन्य कारण ?
AAIB की रिपोर्ट में इस घटना को निर्णयात्मक रूप से किसी एक कारण से नहीं जोड़ा गया है। अभी यह स्पष्ट नहीं हुआ कि क्या ये स्विच मानव त्रुटि (switch human error), इलेक्ट्रिकल सिस्टम गड़बड़ी, कॉन्फिगरेशन एरर, या अन्य तकनीकी कारण के कारण गए। फिलहाल जांच अभी जारी है और अंतिम रिपोर्ट में ऐसे कारणों का विश्लेषण शामिल होगा।
ब्लैक बॉक्स और अन्य सबूत
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दोनों ब्लैक बॉक्स बरामद कर लिए गए हैं, और CVR तथा FDR (flight data recorder) डेटा का विश्लेषण किया जा रहा है ताकि अंतिम सेकंड में क्या हुआ इसका पूर्ण क्रम समझा जा सके।
AAIB ने प्री-लिमिनरी रिपोर्ट कब जारी की ?
रिपोर्ट पढ़ने के लिए क्लिक करें AAIB प्री-लिमिनरी रिपोर्ट
Aircraft Accident Investigation Bureau (AAIB) ने 12 जुलाई 2025 में प्री-लिमिनरी रिपोर्ट जारी की और इसे मंत्रालय को सौंपी। रिपोर्ट के अनुसार, फ्लाइट AI171 के टेक-ऑफ के कुछ सेकंड बाद ईंधन-कंट्रोल स्विच RUN-CUTOFF चले गए, जिससे दोनों इंजनों का थ्रस्ट चला गया और विमान ऊंचाई और गति खो बैठा। हालांकि स्विच लगभग 10 सेकंड बाद वापस चालू किए गए, लेकिन इससे क्रैश को रोका नहीं जा सका। प्री-लिमिनरी रिपोर्ट में स्विच के अचानक बंद होने का स्पष्ट कारण अभी नहीं बताया गया है और AAIB की जांच अब भी जारी है।
🚨 Preliminary Report Released on #AI171 Crash
— Live updates on Air India AI171 crash. #FlightAI17 (@AI171Crash) July 12, 2025
Investigators have released initial findings on the crash of Air India Flight AI171. Key timeline from the cockpit recorder:
08:08:39 – Aircraft takes off
08:08:42 – Fuel cutoff switches moved from Run to Cutoff within 1 second… pic.twitter.com/Soubld5RrN
जांच टीम में कौन-कौन शमिल
AAIB के Director General ने नियम 11 के तहत एक multidisciplinary investigation team का गठन किया, जिसकी अगुवाई Sanjay Kumar Singh कर रहे हैं, जो AAIB के निदेशक भी हैं और विमान दुर्घटना जांच में अनुभवी अधिकारी हैं।
AAIB की टीम के नेतृत्व में Investigator-in-Charge: Sanjay Kumar Singh और Chief Investigator: Jasbir Singh Larhga हैं। टीम में DGCA के अधिकारी और अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञ भी शामिल हैं। इसमें NTSB (US), UK AAIB, Boeing और GE के प्रतिनिधि भी सहयोग में हैं। ब्लैक बॉक्स / रिकॉर्डर (EAFR) क्रैश साइट से बरामद किए गए। फ्रंट रिकॉर्डर का डेटा AAIB लैब में सफलतापूर्वक डाउनलोड किया गया, जबकि पीछे वाले रिकॉर्डर का डेटा पुनर्प्राप्ति प्रयासों के अधीन है।
सरकार और DGCA की कार्रवाई
Air India की Dreamliner फ्लीट पर DGCA और केंद्रीय अधिकारियों ने सख्त निरीक्षण और कई सुरक्षा नोटिस जारी किए हैं। मुरलीधर मोहोल ने राज्यसभा में बताया कि पिछले 6 महीनों में एयर इंडिया को पांच अलग-अलग सुरक्षा उल्लंघनों के लिए नौ शो-कॉज नोटिस जारी किए गए। इनमें से एक मामले में कार्रवाई पूरी हो गई है, जबकि अन्य मामले में अभी भी जांच जारी है।
मुआवजा और सहायता
अहमदाबाद एयर इंडिया फ्लाइट AI171 क्रैश के बाद, मृतकों के परिवारों को Air India और Tata Group की तरफ से मुआवजा दिया जा रहा है। Air India ने प्रत्येक मृतक परिवार को अंतरिम मुआवजा ₹25 लाख देने की घोषणा की थी, जबकि Tata Group ने इसके अतिरिक्त प्रति मृतक परिवार ₹1 करोड़ की सहानुभूति राशि (ex‑gratia) देने का ऐलान किया था।
26 जुलाई 2025 तक की स्थिति के अनुसार, Air India ने 229 मृतकों में से 147 यात्रियों के परिवारों और हादसे में मारे गए 19 लोगों के परिवारों को अंतरिम मुआवजा जारी कर दिया है। बाकी 52 मृतकों के परिवारों के दस्तावेजों की जांच पूरी हो चुकी है और उन्हें भी मुआवजा धीरे-धीरे जारी किया जाएगा। रिपोर्टों के अनुसार अब तक लगभग 95% प्रभावित परिवारों को अंतरिम मुआवजा मिल चुका है, जिससे परिवारों को तुरंत वित्तीय राहत प्रदान की गई है।
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पीड़ित परिवारों की ओर से कानूनी कार्रवाई
AI171 क्रैश के बाद, मृतकों के परिवार ने कोर्ट का रुख किया। मुख्य वकील माइक एंड्रयूज (Mike Andrews) ने बताया कि उनकी टीम ने 130 परिवारों के लिए शिकायत दर्ज कराई है और उनकी ओर से जांच जारी है। एक बातचीत में में एंड्रयूज ने कहा कि सर्वाइवरों के बयानों के अनुसार टेक-ऑफ से पहले विमान की लाइट्स बंद और चालू होती रही, फिर हरी हो गईं। इससे संभावना जताई जा रही है कि प्राथमिक इलेक्ट्रिकल सिस्टम से इमरजेंसी पावर (emergency power) में स्विच हुआ।
एंड्रयूज ने यह भी बताया कि उनके तकनीकी विशेषज्ञ यह जांच कर रहे हैं कि विमान में इलेक्ट्रिकल फॉल्ट (electrical fault) और पानी का रिसाव (water leakage) दुर्घटना में योगदान दे सकते हैं या नहीं। एंड्रयूज़ ने कहा कि हम सभी उपलब्ध साक्ष्यों का विश्लेषण करने के लिए विशेषज्ञों के साथ काम कर रहे हैं और हर परिवार पर इस त्रासदी के अद्वितीय प्रभाव को भी देख रहे हैं।
AAIB और NTSB की संयुक्त समीक्षा
एंड्रयूज ने आगे कहा कि एअरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (AAIB) और अन्य एजेंसियों के जांचकर्ता इस सप्ताह वॉशिंगटन जा सकते हैं, ताकि यूएस नेशनल ट्रांसपोर्टेशन सेफ्टी बोर्ड (NTSB) के साथ ongoing probe की समीक्षा की जा सके। भारत की जांच टीम डेटा का विश्लेषण करेगी और कॉकपिट वॉइस रिकॉर्डर (CVR) और फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर (FDR) का विवरण भी पेश करेगी। AAIB भारत की ओर से इस समीक्षा में शामिल होगी, और बोइंग सहित अन्य संगठन भी बैठक में हिस्सा लेंगे।
आपके हर सवाल का जवाब
1. अभी तक सरकार/एविएशन मिनिस्ट्री/DGCA किसी की तरफ से एक भी रिपोर्ट जारी नहीं हुई - कारण क्या ?
यह सही नहीं कि कोई रिपोर्ट नहीं आई। AAIB ने प्री-लिमिनरी रिपोर्ट (preliminary report) जारी की/मंत्रालय को सौंपी (रिपोर्ट जुलाई 2025 में सार्वजनिक/स्रोतों पर आई)। पर अंतिम (final) रिपोर्ट अभी जारी नहीं हुई। प्री-लिमिनरी रिपोर्ट तथ्य-संग्रह और शुरुआती निष्कर्ष देती है। final रिपोर्ट में कारण, योगदान देने वाले कारक और सुरक्षा सिफारिशें आती हैं और वह तब तक नहीं आती जब तक सारी forensic/engineering/recorder-analysis, विदेशी-निर्माता के inputs आदि पूरे न हों। यही वजह है कि अभी final रिपोर्ट नहीं आई।
2. कौन इसकी समीक्षा/जाँच कर रहा है - जांच अधिकारी कौन हैं ?
प्रमुख विभाग/टीम
AAIB (Aircraft Accident Investigation Bureau) - नेतृत्वकर्ता संगठन। (AAIB ने टीम गठित की)
Press Information Bureau
Investigator-in-Charge: Sanjay Kumar Singh.
Chief Investigator: Jasbir Singh Larhga.
साथ में DGCA के अधिकारी (Vipin Venu Varakoth, Veeraragavan K, Vaishnav Vijayakumar - जैसा AAIB रिपोर्ट में सूचीबद्ध)
अंतरराष्ट्रीय पार्टिसिपेंट्स/ऑब्जर्वर: NTSB (US), UK AAIB, Boeing और GE (निर्माता/इंजन निर्माता) से एक्सपर्ट टीमें भी सहयोग में हैं।
3. AI171 की फाइनल जांच रिपोर्ट कब आएगी/जांच कहां तक पहुंची ?
जहां तक सार्वजनिक जानकारी अभी तक सामने आई है: प्री-लिमिनरी रिपोर्ट AAIB ने जुलाई 2025 में जारी/सौंप दी, उसमें मुख्य प्रारम्भिक तथ्य (उदा. रिकॉर्डर-डाटा में ईंधन-कंट्रोल स्विच RUN-CUTOFF का संचलन और दोनों इंजनों में थ्रस्ट का चले जाना) लिखे गए हैं। पर AAIB ने स्पष्ट-पूर्वक कहा कि कारण/प्रमाण तय होने के लिए और तकनीकी/विनिर्माता-इनपुट और forensic विश्लेषण की आवश्यकता है।
फाइनल रिपोर्ट का समय: ICAO की अनुशंसा के अनुसार जहां संभव हो final रिपोर्ट 12 महीने के भीतर होना चाहिए; पर जटिल हादसों में 12–24 महीने लग सकते हैं। इसलिए आधिकारिक तौर पर कहा जा सकता है कि final रिपोर्ट आमतौर पर 12 महीने के भीतर आती है, पर यह अनिवार्य नहीं और इस केस में अभी तक रिपोर्ट प्रकाशित नहीं हुई।
4. अब तक किसी पर कार्रवाई हुई या नहीं ?
निगरानी/निरीक्षण/नोटिस: मीडिया और राजकीय जवाबों के अनुसार DGCA ने Air India की Dreamliner फ्लीट पर कठोर निरीक्षण और कुछ मामलों में नोटिस/शो-कॉज नोटिस जारी किए (सम्बंधित रिपोर्ट्स बताती हैं कि केंद्र ने एयरलाइन को कई नोटिस भेजे)। पर आपराधिक/नैतिक/अन्य सख्त कार्रवाई (उदा. किसी पर गिरफ्तारी) की कोई सूचना सार्वजनिक नहीं की गई है।
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