श्रीहरिकोटा। आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से सिंगापुर के डीएस-एसआरए उपग्रह और अन्य छह उपग्रहों के प्रक्षेपण के लिए शनिवार को उल्टी गिनती शुरू हो गई है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने यह जानकारी दी।
इसरो ने बताया कि पीएसएलवी-सी55/टीलियोस-2 के अप्रैल में हुए सफल प्रक्षेपण के बाद कल के मिशन को अंजाम दिया जा रहा है और इस मिशन से सिंगापुर के लोगों की जरूरतें पूरी होंगी। इसरो ने बताया कि पीएसएलवी-सी56 रडार मानचित्रण पृथ्वी प्रेक्षण उपग्रह डीएस-एसएआर प्राथमिक उपग्रह है, जिसे कक्षा में स्थापित किया जाएगा।
इसके साथ ही न्यूस्पेस इंडिया लिमिटेड के इस वाणिज्यिक मिशन में छह अन्य उपग्रहों को भी कक्षा में भेजा जाएगा। न्यू स्पेस इंडिया लिमिटेड इसरो की वाणिज्यिक इकाई है और सिंगापुर के ग्राहकों के लिए उपग्रह को प्रक्षेपित किया जाएगा। इसरो का मुख्यालय बेंगलुरु में है। इस अंतरिक्ष केंद्र के प्रथम ‘लॉन्च पैड’ से 30 जुलाई को सुबह 06.30 बजे रॉकेट को प्रक्षेपित करने का कार्यक्रम है, जिसमें उपग्रहों को 535 किलोमीटर की ऊंचाई पर निकटवर्ती-भूमध्यरेखीय कक्षा (एनईओ) में स्थापित किए जाने की उम्मीद है।
इसरो ने शनिवार को बताया, ‘‘पीएसएलवी-सी56/डीएस-एसएआर मिशन को 30 जुलाई, 2023 को सुबह 6.30 बजे प्रक्षेपित करने के लिए उल्टी गिनती शुरू हो गई है।’’ अंतरिक्ष एजेंसी ने बताया कि 360 किलोग्राम वजन वाला डीएस-एसएआर उपग्रह डीएसटीए (सिंगापुर सरकार का प्रतिनिधित्व) और एसटी इंजीनियरिंग, सिंगापुर के बीच साझेदारी के तहत विकसित किया गया है। प्रक्षेपण के बाद इस उपग्रह का उपयोग सिंगापुर सरकार की विभिन्न एजेंसियों की उपग्रह चित्रण आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए किया जाएगा।
इसरो ने कहा कि उपग्रहों को निर्धारित कक्षा में सफलतापूर्वक स्थापित करने की क्षमता के लिए उसका विश्वसनीय रॉकेट पीएसएलवी रविवार के मिशन में 58वीं उड़ान और ‘कोर अलोन कॉन्फ़िगरेशन’ के साथ 17वीं उड़ान को अंजाम देगा। अन्य उपग्रहों में वेलोक्स-एएम 23 किलोग्राम का सूक्ष्म उपग्रह है, एआरसीएडीई (एटमॉस्फेरिक कपलिंग और डायनेमिक्स एक्सप्लोरर), प्रायोगिक उपग्रह स्कूब-II, 3यू नैनोसैटेलाइट, गैलासिया-2, ओआरबी-12 स्ट्राइडर शामिल हैं।
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