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Coronavirus: आप भी बार-बार करते हैं हैंड सैनिटाइजर का प्रयोग, तो पढ़ ले ये जरूरी खबर

Coronavirus: आप भी बार-बार करते हैं हैंड सैनिटाइजर का प्रयोग, तो पढ़ ले ये जरूरी खबर Coronavirus: You also use hand sanitizer again and again, so read this important news nkp

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Bansal Digital Desk
Coronavirus: आप भी बार-बार करते हैं हैंड सैनिटाइजर का प्रयोग, तो पढ़ ले ये जरूरी खबर

नई दिल्ली। दुनियाभर में कोरोना वायरस फैलने के बाद विशेषज्ञों ने संक्रमण से बचाव के लिए मास्क और हैंड सैनिटाइजर को उपयोगी बताया था। लेकिन अब विशेषज्ञों ने सैनिटाइजर के ज्यादा इस्तेमाल को लेकर चेतावनी जारी की है। उनका कहना है कि सैनिटाइजर का जरूरत से ज्यादा इस्तेमाल करना जानलेवा हो सकता है। इससे आंखो की रोशनी जाने के साथ मौत भी हो सकती है।

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सैनिटाइजर से सबसे ज्यादा खतरा बच्चों को

मेयो क्लीनिक के एक्सपर्ट्स ने चेतावनी जारी करते हुए कहा कि सैनिटाइजर से सबसे ज्यादा खतरा बच्चों को है। क्योंकि सैनिटाइजर में जहरीले रसायन होते हैं जो त्वचा के जरिए बच्चों के शरीर में पहुंच सकते हैं। इससे उन्हें खतरा है। गौरतलब है कि हैंड सैनिटाइजर में तीन तरह के अल्कोहल का इस्तेमाल होता है। इसमें से ही एक मेथेनॉल है। इसका ही सबसे ज्यादा शरीर पर बुरा प्रभाव पड़ता है। मेथेनॉल के कारण आंखों की रोशनी हमेशा के लिए जा सकती है। साथ ही इससे मौत का भी खतरा बना रहता है।

अमेरिका में मेथेनॉल वाले सैनिटाइजर पर रोक

मालूम हो कि अमेरिका ने अपने यहां मेथेनॉल वाले हैंड सैनिटाइजर बनाने पर बैन लगा दिया है। वहां मेथेनॉल की जगह एथेनॉल और आइसोप्रोपेनॉल का इस्तेमाल किया जाता है। इन दोनों को मेथेनॉल की तुलना में सुरक्षित विकल्प माना जाता है। लेकिन कई देशों में अभी भी इस्तेमाल किए जा रहे सैनिटाइजर में मेथेलॉल का व्यापक रूप से इस्तेमाल किया जा रहा है।

साबुन सबसे सुरक्षित

विशेषज्ञों ने बताया कि बच्चों की स्किन के जरिए शरीर में पहुंचकर मेथेनॉल लंबे समय तक सेहत पर बुरा असर डालता है। ऐसे में चाहे बच्चे हो या व्यस्क, हैंड सैनिटाइजर का इस्तेमाल तभी करें जब वाकई में इसकी जरूरत हो। रोजाना सैनिटाइजर के इस्तेमाल से बचें। आप इसकी जगह साबुन का इस्तेमाल कर सकते हैं। साबुन सबसे सुरक्षित है।

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मेथेनॉल पॉइजनिंग का रहता है खतरा

मेयो क्लीनिक के संक्रमक रोग विशेषज्ञ डॉ. ग्रेगोरी पोलैंड का कहना है कि बच्चों की स्किन मेथेलॉल को एब्जॉर्ब कर लेती है। इससे उनमें मेथेनॉल पॉइजनिंग का खतरा रहता है। बतादें कि अमेरिकी स्वास्थ्य एजेंसी CDC को पिछले साल मेक्सिको और एरिजोना में मेथेनॉल पॉइजनिंग के 15 मामले मिले थे। इन सभी मामलों में हैंड सैनिटाइजर का अधिक इस्तेमाल किया गया था। 15 मामलों में से 4 लोगों की मौत हो गई थी। जबकि 3 लोगों की आंखों की रोशनी चली गई थी।

हमारी स्किन ईटों की दीवार की तरह है

ब्रिघम एंड वुमेन्स हॉस्पिटल के डर्मेटोलॉजिस्ट डॉ. अबिगैल वॉल्डमैन का कहना है, हमारी स्किन ईटों की दीवार की तरह है। हैंड सैनेटाइजर हमें वायरस से बचाता है, लेकिन कई बार ये उसी ईटों की दीवार में सुराग कर देता है। इस तरह यह शरीर में पहुंचता है। अल्कोहल की मात्रा अधिक होने के कारण यह स्किन एलर्जी की वजह भी बन सकता है।

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