Advertisment

Coronavirus New Update: एक साथ दो वैरिएंट से संक्रमित मिली थी महिला डॉक्टर, जानिए कैसे होती है इसकी पहचान?

Coronavirus New Update: एक साथ दो वैरिएंट से संक्रमित मिली थी महिला डॉक्टर, जानिए कैसे होती है इसकी पहचान? Coronavirus New Update: Female doctor was found infected with two variants simultaneously, know how it is identified? nkp

author-image
Bansal Digital Desk
Coronavirus New Update: एक साथ दो वैरिएंट से संक्रमित मिली थी महिला डॉक्टर, जानिए कैसे होती है इसकी पहचान?

नई दिल्ली। देश और दुनिया से कोरोना जाने का नाम ही नहीं ले रहा है। दिन प्रतिदिन इसमें कोई न कोई बदलाव देखने को मिल जाते हैं। इसी कड़ी में अब असम के डिब्रूगढ़ जिले में एक महिला डॉक्टर कोरोना वायरस के 'अल्फा' और 'डेल्टा' दोनों वैरिएंट से संक्रमित पाई गई हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक भारत में इस तरह का पहला मामला सामने आया है।

Advertisment

महिला को वैक्सीन की दोनों डोज लग चुकी है

बतादें कि महिला डॉक्टर को वैक्सीन की दोनों डोज लग चुकी थी। वैक्सीन लगने के एक महीने बाद ही महिला और उनके पति कोरोना वायरस के अल्फा वैरिएंट से संक्रमित पाए गए। मालूम हो कि ये दोनों पति-पत्नी डॉक्टर हैं और कोविड केयर सेंटर में तैनात थे। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) ने इस मामले पर बताया कि दंपति पहले से अल्फा वैरिएंट से संक्रमित थे। ऐसे में जब दोबारा सैंपल लिया गया तो पता चला कि महिला डॉक्टर डबल इंफेक्शन से पीड़ित हैं। हालांकि इतना होने के बाद भी उन्हें अस्पताल में भर्ती नहीं करवाया गया है।

डबल इंफेक्शन का पहला मामला बेल्जियम में मिला था

एक्सपर्ट का मानना है कि महिला को वैक्सीन की दोनों डोज लगी हुई थी, इसलिए उन्हें ज्यादा परेशानी का सामना नहीं करना पड़ा। महिला डॉक्टर को गले की खराश, बदन दर्द और नींद न आने के हल्के लक्षण थे, इसलिए उन्हें अस्पताल में भर्ती कराने की जरूरत नहीं पड़ी। बतादें कि भारत से पहले बेल्जियम में भी डबल वैरिएंट से संक्रमित होने का मामला सामने आया था जिसमें महिला की मौत हो गई थी।

महिला को नहीं लगी थी वैक्सीन

दरअसर, बेल्जियम के आल्स्तो शहर के एक अस्पताल में पिछले दिनों एक महिला पहुंची थी, जो बार-बार संतुलन खोकर गिर जा रही थी। हालांकि, उसकी सांस ठीक चल रही थी। ऑक्सीजन लेवल भी ठीक था। लेकिन जब कोरोना की जांच की गई तो महिला दो वैरिएंट से संक्रमित पाई गई। जांच के कुछ घंटों बाद ही उसके फेफड़े तेजी से खराब होने लगे और पांचवें दिन उसकी मौत हो गई। बेल्जियम की महिला कोरोना के अल्फा और बीटा वैरिएंट से संक्रमित थी। इस मामले में महिला को वैक्सीन नहीं लगी थी।

Advertisment

डबल वेरिएंट की पहचान कैसे की जाती है?

डबल इफेक्शन की पहचान के लिए जीनोम सीक्वेंसिंग किया जाता है। जीन हमारी जैविक विशेषताओं जैसे हमारा कद, बालों का रंग, हमरी आंखों का रंग जैसी हर बात को तय करते हैं। यानी किसी जीव का पूरा जेनेटिक कोड जीनोम कहलाता है। किसी भी दो जीवों का जीनोम एक जैसा नहीं होता। हम जीनोम के अध्यन से किसी भी जीव की बनावट, गुण-दोष और काम करने का तरीका समझ सकते हैं। हालांकि इसे हम नंगी आंखों से नहीं देख सकते हैं, माइक्रोस्कोप से भी देखने पर इसे नहीं समझा जा सकता। ऐसे में वैज्ञानिक इसे समझने के लिए एक कोड में बदल देते हैं। यही जीनोम सीक्वेंसिंग है। इंसान समेत ज्यादातर जीवों का जीनोम DNA वाला होता है, मगर कोरोना जैसे वायरस का जीनोम RNA वाला होता है। इस कारण से इसकी सीक्वेंसिंग के लिए पहले DNA में बदला जाता है।

coronavirus cases by country worldometer coronavirus worldometer coronavirus india worldometer india Assam coronavirus curve by country coronavirus new update countries without coronavirus covid-19 cases by country worldometer covid assam covid cases corona double mutant symptoms corona double mutant variant symptoms Corona double variants double variants double variants infection same time
Advertisment
WhatsApp Icon चैनल से जुड़ें