Corona Virus Update: देश में एक बार फिर कोरोना संक्रमण के मामलों में इजाफा देखने को मिल रहा है। फिलहाल देशभर में एक्टिव केसों की संख्या 1083 हो चुकी है। केरल में सबसे ज्यादा 430 केस सामने आए हैं, जबकि महाराष्ट्र में 208, दिल्ली में 104, कर्नाटक में 100 और गुजरात में 83 केस दर्ज किए गए हैं।
Corona Virus Update: UP में कोविड के नए वैरिएंट से पहली मौत
उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद में एक 78 साल के बुजुर्ग की कोरोना से इलाज के दौरान मौत हो गई है। माना जा रहा है कि यह राज्य में नए कोविड वैरिएंट से होने वाली पहली मौत है। इसके अलावा महाराष्ट्र, राजस्थान, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक और मध्यप्रदेश में भी कुल 11 मौतें हो चुकी हैं। अब तक देशभर में कोरोना से कुल 12 मरीजों की जान जा चुकी है।
कहां-कहां हुईं मौतें?
- राजस्थान की राजधानी जयपुर में दो मौतें हुईं, जिनमें एक मरीज की मौत रेलवे स्टेशन पर हुई थी, जबकि दूसरा निजी अस्पताल में भर्ती था और उसे टीबी की बीमारी भी थी।
- महाराष्ट्र के ठाणे में दो लोगों की मौत हुई। इनमें से एक महिला और एक 21 साल का युवक शामिल है।
- कर्नाटक के बेंगलुरु में 84 वर्षीय बुजुर्ग की 17 मई को मृत्यु हुई, जिनकी कोविड रिपोर्ट 24 मई को पॉजिटिव आई थी।
- केरल में भी दो लोगों की मौत कोविड संक्रमण के चलते हुई है।
Corona Virus Update: देश में सामने आए कोरोना के नए वैरिएंट
ICMR के मुताबिक अब तक देश में चार नए कोविड वैरिएंट की पहचान की गई है:
- LF.7
- XFG
- JN.1
- NB.1.8.1
इन सभी वैरिएंट की पहचान दक्षिण और पश्चिम भारत के सैंपल की जीनोम सीक्वेंसिंग के जरिए की गई है। अन्य राज्यों से भी सैंपल लेकर जांच जारी है।
WHO ने इन वैरिएंट्स को ‘चिंताजनक’ नहीं बल्कि निगरानी योग्य वैरिएंट की श्रेणी में रखा है।
कौन सा वैरिएंट सबसे ज्यादा फैला?
- भारत में इस समय JN.1 सबसे आम वैरिएंट बन चुका है।
- टेस्टिंग में आधे से ज्यादा केसों में यही वैरिएंट पाया गया है।
- इसके बाद BA.2 (करीब 26%) और ओमिक्रॉन के सब-वैरिएंट्स (20%) के मामले सामने आ रहे हैं।
JN.1 वैरिएंट कितना खतरनाक?
- JN.1 वैरिएंट दरअसल ओमिक्रॉन के BA.2.86 का एक स्ट्रेन है, जिसे पहली बार अगस्त 2023 में देखा गया था।
- दिसंबर 2023 में WHO ने इसे ‘वैरिएंट ऑफ इंटरेस्ट’ घोषित किया था।
- इसमें करीब 30 म्यूटेशन होते हैं, जो शरीर की इम्यूनिटी को कमजोर कर सकते हैं।
जॉन्स हॉपकिंस यूनिवर्सिटी की रिसर्च के अनुसार, यह वैरिएंट तेजी से फैलता है, लेकिन इससे बहुत गंभीर बीमारी होने की आशंका कम है।
लंबे समय तक रह सकते हैं लक्षण
कुछ मामलों में JN.1 वैरिएंट के लक्षण कई हफ्तों तक बने रहते हैं। अगर किसी को लंबे समय तक खांसी, थकान या सांस लेने में परेशानी जैसी समस्याएं हो रही हैं, तो यह ‘लॉन्ग कोविड’ का संकेत हो सकता है।
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