Corona New Variants: एक बार फिर भारत में कोरोना के मामले सामने आ रहे हैं। ऐसे में महामारी ने लोगों की टेंशन बढ़ा दी है। भारत में एक बार फिर से कोविड-19 को लेकर चिंता बढ़ गई है। इसके पीछे कारण हैं दो नए वेरिएंट्स NB.1.8.1 और LF.7 जिनकी पहचान हाल ही में देश के कुछ हिस्सों में की गई है। इन नए सबवेरिएंट्स की मौजूदगी ने एक बार फिर स्वास्थ्य एजेंसियों और आम लोगों को सतर्क कर दिया है।
क्या हैं NB.1.8.1 और LF.7 वेरिएंट्स?
NB.1.8.1 और LF.7, दोनों ही कोविड-19 के JN.1 वेरिएंट के उप-प्रकार (sub-lineages) हैं। JN.1 स्वयं ओमिक्रॉन वेरिएंट के BA.2.86 से उत्पन्न हुआ था। ये सबवेरिएंट्स वायरस के स्पाइक प्रोटीन में विशेष म्यूटेशन की वजह से ज्यादा संक्रामक और इम्यून सिस्टम से बचने में सक्षम माने जा रहे हैं।
NB.1.8.1 में पाए गए म्यूटेशन
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A435S
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V445H
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T478I
इन म्यूटेशन के कारण वायरस शरीर में जल्दी प्रवेश कर सकता है और इम्यून प्रतिक्रिया को चकमा दे सकता है।
NB.1.8.1 को पहले अमेरिका, जापान, दक्षिण कोरिया, फ्रांस, थाईलैंड, चीन और हांगकांग जैसे देशों में पाया गया। इसे हवाई यात्रा के दौरान संक्रमण बढ़ने का एक प्रमुख कारण माना जा रहा है।
भारत में कहां मिले ये केस?
भारत में अब तक इन वेरिएंट्स के 5 मामलों की पुष्टि हुई है:
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तमिलनाडु: अप्रैल 2025 में NB.1.8.1 का एक मामला सामने आया।
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गुजरात: मई 2025 में LF.7 के चार केस रिपोर्ट हुए।
इसके अलावा INSACOG (Indian SARS-CoV-2 Genomics Consortium) के अनुसार, दिल्ली, महाराष्ट्र और कर्नाटक में कोविड-19 मामलों में वृद्धि देखी जा रही है, जिससे संकेत मिलते हैं कि इन वेरिएंट्स का प्रभाव इन राज्यों में भी हो सकता है।
क्या है इन वेरिएंट्स का खतरा?
WHO की वर्तमान स्थिति
मई 2025 तक, विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने NB.1.8.1 और LF.7 को Variants Under Monitoring (VUM) की श्रेणी में रखा है। इसका मतलब है कि:
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इन वेरिएंट्स की निगरानी की जा रही है।
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अभी इन्हें न तो Variant of Concern (VOC) और न ही Variant of Interest (VOI) माना गया है।
कितना गंभीर है खतरा?
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WHO का मानना है कि जब तक अस्पताल में भर्ती और मृत्यु दर में वृद्धि नहीं होती, तब तक स्थिति नियंत्रण में है।
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हालांकि बुजुर्गों, गर्भवती महिलाओं और कमजोर इम्यूनिटी वाले लोगों को विशेष सावधानी बरतनी चाहिए।
सावधानी के उपाय:
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हेल्दी डाइट और इम्यूनिटी बूस्टिंग फूड का सेवन करें।
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यदि आपने अभी तक बूस्टर डोज नहीं लिया है, तो डॉक्टर से सलाह लेकर लें।
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सार्वजनिक जगहों पर मास्क पहनना और भीड़भाड़ से बचना फायदेमंद रहेगा।
क्या हैं NB.1.8.1 और LF.7 के लक्षण?
इन वेरिएंट्स के लक्षण अब तक के ओमिक्रॉन वेरिएंट्स से मिलते-जुलते हैं:
आम लक्षण
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बुखार
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गले में खराश
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नाक बहना
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सूखी खांसी
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थकान
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सिरदर्द
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मांसपेशियों में दर्द
कुछ मरीजों में दिखने वाले अतिरिक्त लक्षण
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दस्त (विशेष रूप से JN.1 और उसके उप-प्रकारों में)
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भूख में कमी
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मतली या उल्टी
संक्रमण की अवधि:
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जिन लोगों को वैक्सीन लगी है, उनमें 4-5 दिनों के भीतर लक्षणों में सुधार देखा गया है।
क्या करें अगर लक्षण दिखें?
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तुरंत RT-PCR या रैपिड एंटीजन टेस्ट कराएं।
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रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर खुद को आइसोलेट करें।
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डॉक्टर की सलाह अनुसार दवाएं लें।
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संक्रमित होने पर बच्चों, बुजुर्गों और बीमार व्यक्तियों से दूरी बनाए रखें।