नई दिल्ली। ‘भारत बायोटेक’ के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक कृष्णा एल्ला ने बुधवार को कहा कि कोविड-19 रोधी टीके की दूसरी खुराक के छह महीने बाद ही तीसरी खुराक दी जानी चाहिए, यही सबसे उचित समय है। साथ ही, उन्होंने नाक से दिए जाने वाले टीके (नेज़ल वैक्सीन) के महत्व पर भी जोर दिया।उन्होंने इस बात को भी रेखांकित किया कि उनकी कम्पनी ‘जीका’ रोधी टीका बनाने वाली दुनिया की पहली कम्पनी है।
एल्ला ने ‘टाइम्स नाउ समिट 2021’ में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ‘कोवैक्सीन’ टीका लगवाना उनका भारतीय विज्ञान में भरोसा दिखाता है।उन्होंने कहा, ‘‘ दूसरी खुराक के छह महीने बाद ही तीसरी खुराक दी जानी चाहिए। तीसरी खुराक के लिए यही सबसे उचित समय है।’’‘भारत बायोटेक’ नाक से दिए जाने वाली टीके को ‘बूस्टर’ खुराक के तौर पर लाने का भी विचार कर रहा है। ‘नेज़ल वैक्सीन’ के महत्व के बारे में उन्होंने कहा कि पूरा विश्व ऐसे टीके चाहता है।
‘‘संक्रमण रोकने का यही एकमात्र तरीका है। हर कोई ‘इम्यूनोलॉजी’ (प्रतिरक्षा विज्ञान) का पता लगाने की कोशिश कर रहा है और सौभाग्य से, भारत बायोटेक ने इसका पता लगा लिया है।’’एल्ला ने कहा, ‘‘ हम नाक से देने वाला टीका ला रहे हैं… हम इस बात पर विचार कर रहे हैं कि क्या कोवैक्सिन की दूसरी खुराक को नाक से दिया जा सकता है, यह रणनीतिक रूप से, वैज्ञानिक रूप से भी बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि दूसरी खुराक को यदि आप नाक से देते हैं तो आप संक्रमण को फैलने से रोकते हैं।’’
‘जीका’ रोधी टीके के बारे में एल्ला ने कहा कि ‘भारत बायोटेक’ ने ‘जीका वायरस’ रोधी टीका बना लिया है। प्रथम चरण पूरा हो गया है। सरकार को और अधिक परीक्षण (ट्रायल) करने होंगे क्योंकि मामले अधिक हैं। उन्होंने कहा ‘‘ हम 2014 में जीका रोधी टीका बनाने वाली विश्व की पहली कम्पनी थे। सबसे पहले हमने ही जीका रोधी टीके के वैश्विक पेटेंट के लिए आवेदन दिया था।’’