अहमदाबाद। केंद्र सरकार ने गुजरात उच्च न्यायालय को बताया कि भारतीय वायुसेना ने कोविड-19 रोधी टीका लगवाने से मना करने वाले अपने एक कर्मी को सेवा से बर्खास्त कर दिया है। टीका लगवाना सेवा की शर्तों में शामिल किया गया था। अतिरिक्त सॉलीसिटर जनरल देवांग व्यास ने वायुसेना के कॉर्पोरल योगेंद्र कुमार की याचिका पर बुधवार को उच्च न्यायालय को अपने अभिवेदन में यह बताया।
उन्होंने न्यायमूर्ति ए जे देसाई और न्यायमूर्ति ए पी ठाकेर की खंड पीठ को बताया कि पूरे भारत में नौ कर्मियों ने टीका लगवाने से मना किया है और उन सभी को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। व्यास ने उच्च न्यायालय को बताया कि इनमें से एक ने नोटिस का जवाब नहीं दिया और उसे सेवा से बर्खास्त कर दिया गया।
हालांकि, उन्होंने बर्खास्त किए गए कर्मी का नाम या अन्य कोई ब्योरा नहीं दिया। उन्होंने कहा कि आम लोगों के लिए टीका विकल्प है लेकिन जहां तक बात वायु सेना की है तो इसे अब सेवा की एक शर्त बना दिया गया है जो सेवा में शामिल होने के वक्त ली गई शपथ के क्रम में है।
उन्होंने अदालत से कहा कि यह भी देखना जरूरी है कि बल को कमजोर स्थिति में नहीं रखा जाए और कर्मियों को अनिवार्य रूप से टीका लगवाना जरूरी है। व्यास ने यह भी कहा कि चूंकि कोर्पोरल योगेंद्र कुमार ने कारण बताओ नोटिस पर जवाब दिया है इसलिए वह किसी उचित अधिकरण या सशस्त्र बल प्राधिकरण के समक्ष पेश हो सकते हैं।
कोविड-19 का टीका लगाने की अनिच्छा के बाद जारी नोटिस को चुनौती देने वाली कुमार की याचिका पर उच्च न्यायालय ने बुधवार को वायु सेना को उनके मामले पर फिर से विचार करने का निर्देश दिया था। अदालत ने टीकाकरण के लिए अनिच्छुक याचिकाकर्ता को अंतरिम राहत दी और उसके मामले पर वायु सेना द्वारा विचार किए जाने तक उसे सेवा में रहने देने का आदेश देकर उसकी याचिका का निपटान किया।