भोपाल। देश भर में कोरोना की रफ्तार अब थमने लगी है, वैक्सीनेशन का कार्य भी जोरों पर चल रहा है। इस वैक्सीनेशन अभियान में लोग बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं। सरकार द्वारा ऑनलाइन बुकिंग की सुविधा दी गई है। इसके साथ ही लोग कोविन से रजिस्ट्रेशन करवाकर वैक्सीनेशन करवा रहे हैं। वहीं वैक्सीनेशन के बाद लोगों को प्रमाण पत्र भी दिया जा रहा है। अब मुख्य बात यह है कि जो सर्टिफिकेट लोगों को वैक्सीनेशन के बाद दिया जा रहा है वह सही है या नहीं इस बात की जानकारी किस तरह से लग सकती है। तो आइए जानते वैक्सीन के बाद आपको जो सर्टिफिकेट दिया गया है वह असली है या नहीं
असली सर्टिफिकेट की पहचान
वैक्सीनेशन के बाद लोगों को एक सर्टिफिकेट भी मिलता है। इस सर्टिफिकेट में वैक्सीनेशन करवाने वाले व्यक्ति की सारी जानकारियां लिखी होती है। व्यक्ति का नाम पता समेत अन्य कई जानकारियों के साथ ही असली वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट में एक क्यूआर कोड भी दिया रहता है। इस क्यूआर कोड में टीकाकरण करवाने वाले व्यक्ति की पूरी जानकारी छिपी होती है। बता दें कि लोगों को यह क्यूआर कोड इसलिए दिया जा रहा है ताकि कोई वैक्सीन का नकली सर्टिफिकेट ना बना सके।
क्यों जरूरी है वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट
वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट को केंद्र सरकार ने प्रमाणिकता की जांच के लिए जरूरी कर दिया है। वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट के जरिए सरकार यह पता लगा रही है कि किस को वैक्सीनेशन लगी है किस को नहीं। इसके साथ ही आज कल वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट को ऑफिस में भी इस्तेमाल किया जाता है, कई ऑफिस में बिना वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट के प्रवेश भी नहीं दिया जा रहा है। सर्टिफिकेट की इस तरह से करें पहचान वैक्सीन सर्टिफिकेट की पहचान आप कोविन की ऑफिशियल बेवसाइट verify.cowin.gov.in/ पर जाकर भी कर सकते हैं। अगर आप का सर्टिफिकेट नकली है तो बेवसाइड पर लॉगिन करते समय Certificate Invalid’ लिखा आ जाएगा। इस तरह से आप सर्टिफिकेट की पहचान कर सकते हैं।