नई दिल्ली। केंद्र सरकार लोगों से चीख-चीख कर कह रही है कि हम मुफ्त वैक्सीन लगा रहे हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर सरकार ने वैक्सीनेशन पर कितना खर्च किया है? इस सवाल का जवाब आज, मानसून सत्र के चौथे दिन स्वास्थ्य राज्य मंत्री भारती प्रवीण पवार ने संसद में दिया।
मंत्री ने क्या कहा?
जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि ‘अगस्त से दिसंबर के बीच हमारे पास कोविड-19 रोधी टीकों की 135 करोड़ खुराकें उपलब्ध होने की उम्मीद है’। साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि हम इस बात का अभी सटीक अनुमान नहीं लगा सकते कि टिकाकरण अभियान कब तक पूरा हो जाएगा। फिर भी उन्होंने उम्मीद जताया है कि देश में दिसंबर 2021 तक 18 वर्ष और इससे अधिक आयु वाले सभी लोगों को कोरोना रोधी टीका लग जाएगा।
इतना आया खर्च
टीकाकरण अभियान पर किए गए खर्च को लेकर पवार ने बताया कि अभी तक वैक्सीनेशन पर 9725.15 करोड़ रूपये खर्च किए जा चुके हैं। इसमें वैक्सीन की खरीद और उसके ऑपरेशनल कॉस्ट भी शामिल है। यानी वैक्सीन और उसे लगाने का खर्च दोनों शामिल है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि वायरस रोजाना अपनी प्रवृत्ति बदल रहा है। ऐसे में अभी यह कहना जल्दबाजी होगी कि टीकाकरण अभियान कब तक पूरा होगा।
ब्लैक फंगस की दवाओं की कोई कमी नहीं
वैक्सीनेशन पर किए गए खर्च के अलावा उन्होंने बताया कि देश में ब्लैक फंगस की दवाओं की कोई कमी नहीं है। इसके इलाज में इस्तेमाल होने वाली दोनों दवाएं ‘एम्फोटेरिसिन बी डिऑक्सीकोलेट और पोसाकोनाजोल’ (amphotericin B deoxycholate and posaconazole) भारतीय बाजार में आसानी से उपलब्ध हैं।
कोरोना को लेकर ताजा हालात कैसे हैं?
बतादें कि कोरोना की दूसरी लहर के बाद देश में संक्रमण के मामले तेजी से कम हो रहे हैं। हालांकि तीसरी लहर की आशंका अभी भी बनी हुई है। 23 जुलाई, शुक्रवार को स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार बीते 24 घंटे में देश में कुल 35,342 नए केस सामने आए हैं। इसके अलावा पिछले 24 घंटे में कोरोना से 483 लोगों की मौत हुई है। जबकि, 38,740 लोग संक्रमण से रिकवर भी हुए हैं। वहीं अगर कोरोना टीकाकरण की बात करें तो अभी तक देश में कुल 42,34,17,030 कोरोना वैक्सीन की डोज दी जा चुकी है।