नई दिल्ली। कोरोना महामारी की दूसरी लहर ने पूरे देश में जमकर तबाही मचाई है। हजारों परिवार इस लहर की चपेट में अपने परिवारजनों को खो चुके हैं। हजारों प्रेम कहानियां कोरोना की भेंट चढ़ गईं हैं। अब दिल्ली में भी एक अनोखा मामला सामने आया है। यहां एक महिला ने अपने पति की आखिरी निशानी रखने के लिए उसके बच्चे की मां बनने के लिए हाईकोर्ट तक का दरवाजा खटखटा दिया। दरअसल महिला का पति कोरोना की चपेट में आकर गंभीर रूप से बीमार है।
पति अभी वेंटिलेटर पर है। साथ ही अस्पताल के डॉक्टर्स ने भी हाथ खड़े कर लिए हैं। वहीं महिला ने अपने पति के बच्चे की मां बनने की अनुमति ले ली है। महिला ने अपने पति के स्पर्म को सुरक्षित रखने की गुहार हाईकोर्ट के सामने लगाई थी। जिसे हाईकोर्ट ने स्वीकार कर लिया है। अब महिला के पति का स्पर्म IVF/ART तकनीकि से सुरक्षित निकाल लिया है। अब महिला अपने पति के बच्चे की मां बन सकेगी।
यह है पूरा मामला…
दरअसल वडोदरा में रहने वाले एक 32 वर्षीय युवक की 8 माह पहले शादी हुई थी। शादी के बाद युवक कोरोना महामारी की दूसरी लहर की चपेट में आ गया। इसके बाद युवक को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां इलाज के दौरान युवक की हालत दिन पर दिन बिगड़ती चली गई। अब युवक की हालत इतनी खराब हो गई है कि उसके अंगों ने काम करना बंद कर दिया है। वहीं डॉक्टर्स ने भी बताया कि युवक के पास ज्यादा समय नहीं बचा है।
वहीं युवक की पत्नी ने अपने प्यार की निशानी के लिए अस्पताल प्रबंधन से उसके पति के स्पर्म सुरक्षित करने की मांग की। वहीं अस्पताल प्रबंधन ने इस मांग को खारिज कर दिया। इसके बाद युवक की पत्नी ने हार नहीं मानी और हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। यहां हाईकोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करते हुए महिला को उसके पति के स्पर्म को IVF/ART तकनीक से सुरक्षित रखने की अनुमति दे दी है। अब महिला के पति का स्पर्म सुरक्षित कर लिया गया है। जिसकी मदद से महिला IVF तकनीक से मां बन सकती है।