नई दिल्ली। एक तरफ जहां पिछले दो साल से लोग कोरोना महामारी से परेशान हैं और आर्थिक तंगी का सामना कर रहे हैं। वहीं दुनिया के 10 सबसे अमीर लोगों की संपत्ति इसी दौरान दोगुनी हो गई है। Oxfam की एक रिपोर्ट के अनुसार दुनिया के 10 सबसे अमीर लोगों की संपत्ति 700 बिलियन डॉलर से बढ़कर 1.5 ट्रिलियन डॉलर हो गई है। वहीं दूसरी तरफ पूरी दुनिया में गरीबी और असमानता और बढ़ गई है।
भारत में अरबपतियों की संपत्ति
भारत की बात करें तो यहां भी मार्च 2020 से लेकर नवंबर 2021 तक अरबपतियों की संपत्ति 23.14 लाख करोड़ रूपये से बढ़कर 53.16 लाख करोड़ रूपए हो गई है। दूसरी तरफ करीब 5 करोड़ लोग अत्यंत गरीब की श्रेणी में आ गए हैं। ऑक्सफैम (Oxfam) का कहना है कि कोविड महामारी के कारण भारतीयों के आय में भारी गिरावट आई है और भारत में अत्यधिक धन असमानता अमीरों और गरीबों के बीच देखने को मिली है।
84 प्रतिशत लोगों की आय में गिरावट
इस रिपोर्ट के अनुसार पिछले एक साल में 84 फीसदी परिवारों को जीवन और आजीविका की क्षति के कारण अपनी आय में गिरावट का समाना करना पड़ा है। वहीं महामारी के दौरान अरबपतियों ने रिकॉर्ड तोड़ मुनाफा कमाया है। महामारी के दौरान अरबपतियों की संख्या बढ़कर 142 हो गई है। सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि भारत के 100 सबसे अमीर लोगों की सामूहिक संपत्ति 2021 में 57.3 लाख करोड़ रुपये के रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंच गई। वहीं 98 सर्वाधिक अमीर भारतीयों के पास करीब 49.27 लाख करोड़ की संपत्ति है, जो निचले तबके के 55.2 करोड़ लोगों की कुल संपत्ति के बराबर है।
अरबपतियों के टैक्स से क्या-क्या हो सकता है?
अगर 98 अरबपतियों की संपत्ति पर चार फीसदी टैक्स लगाया जाता है, तो इससे 17 साल तक देश के मिड डे मील कार्यक्रम या 6 साल तक समग्र शिक्षा अभियान चलाया जा सकता है। वहीं 98 सबसे अमीर अरबपति परिवारों पर एक प्रतिशत संपत्ति कर लगता है तो आयुष्मान भारत योजना को सात साल से अधिक समय तक वित्तपोषित किया जा सकता है। इसके अलावा एक प्रतिशत कर वसूली से स्कूली शिक्षा और साक्षरता पर होने वाले कुल खर्च का वहन बड़े आराम से किया जा सकता है।