इंदौर। इंदौर में पिछले तीन दिनों के भीतर थल सेना के चार अफसर कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए हैं और इनमें से दो लोग शहर के भारतीय प्रबंध संस्थान (आईआईएम) के एक पाठ्यक्रम के प्रतिभागियों में शामिल हैं। इससे सतर्क आईआईएम प्रशासन ने पाठ्यक्रम की ऑफलाइन (भौतिक) कक्षाएं रोकते हुए बाकी पढ़ाई ऑनलाइन माध्यम से पूरी कराने का फैसला किया है। कोविड-19 के लिए नोडल अधिकारी डॉ. अमित मालाकार ने मंगलवार को बताया कि इंदौर में पिछले तीन दिन के भीतर थल सेना के चार अफसर कोरोना वायरस से संक्रमित मिले हैं।
कोरोना वायरस रोधी टीके की दोनों खुराकें ले चुके चारों सैन्य अफसरों में महामारी के लक्षण नहीं हैं और उनकी स्थिति ठीक है। मालाकार ने बताया कि इन सैन्य अफसरों में से दो लोग नजदीकी महू कस्बे में स्थित फौजी छावनी के रहने वाले हैं, जबकि दो अन्य व्यक्ति आईआईएम इंदौर के सर्टिफिकेट कोर्स इन बिजनेस मैनेजमेंट फॉर डिफेंस ऑफिसर्स (सीसीबीएमडीओ) से हैं। इस बीच, आईआईएम इंदौर के निदेशक प्रोफेसर हिमांशु राय ने बताया कि सीसीबीएमडीओ में शामिल कुछ प्रतिभागियों के कोविड-19 से संक्रमित पाए जाने के बाद हमने एहतियात के तौर पर तय किया है कि इस पाठ्यक्रम के कुल 60 प्रतिभागियों के बैच को अब ऑनलाइन माध्यम से पढ़ाया जाएगा।
अलग से कक्षा का किया गया था इंतजाम
राय ने हालांकि बताया कि सीसीबीएमडीओ के इस बैच के प्रतिभागी आईआईएम परिसर में नहीं रह रहे थे और उन्हें बैठाने के लिए परिसर में अलग से कक्षा का इंतजाम किया गया था। उन्होंने बताया कि आईआईएम परिसर में इस पाठ्यक्रम की पढ़ाई के दौरान प्रतिभागी सैन्य अफसरों के सम्पर्क में आए लोगों की जांच करा ली गई है जिसमें वे महामारी की जद से मुक्त पाए गए हैं। कोविड-19 के नोडल अधिकारी मालाकार ने यह भी बताया कि महू के सैन्य अस्पताल में कोरोना वायरस संक्रमण के इलाज के दौरान 69 वर्षीय महिला की 21 नवंबर को मौत होने के बारे में पता चला है और इसके बाद इंदौर जिले में पिछले 20 महीने के दौरान महामारी से दम तोड़ने वाले लोगों की कुल तादाद बढ़कर 1,393 पर पहुंच गई है। मालाकार ने बताया कि कोविड-19 की शिकार बुजुर्ग महिला ने महामारी रोधी टीके की दोनों खुराकें ले रखी थीं। नोडल अधिकारी ने बताया कि इससे पहले इंदौर में 14 नवंबर को कोविड-19 के एक मरीज की मौत हुई थी। जिले में 24 मार्च 2020 से लेकर अब तक महामारी के कुल 1,53,299 मरीज मिले हैं।