MP News: मध्यप्रदेश के जबलपुर में सहकारी समितियों में कार्यरत 750 से अधिक कर्मचारियों में बढ़ा हुआ वेतन नहीं मिलने से आक्रोश है। इन कर्मचारियों ने 31 अक्टूबर तक वेतन नहीं मिलने पर सामूहिक आत्मदाह की चेतावनी दी है।
दरअसल, राज्य शासन से सहकारी समितियों के कर्मचारियों को बढ़ाकर वेतन दिए जाने के आदेश जारी हुए थे। बताते हैं प्रदेश के अधिकतर जिलों में कर्मचारियों को बढ़ा हुआ वेतन भी दिया जाने लगा, लेकिन जबलपुर में ऐसा नहीं हो रहा है।
200 कर्मचारियों को वेतन ही नहीं मिला
कलेक्टर दीपक सक्सेना को मांग पत्र सौंपते हुए कर्मचारियों ने कहा, दिवाली पर्व दो दिन बाद है। बढ़ा हुए वेतन तो छोड़ो करीब 200 कर्मचारियों को तो वेतन भी नहीं मिल पा रहा है। अब कर्मचारियों ने राज्य सरकार और जिला प्रशासन से आर-पार की लड़ाई लड़ने का मन बना लिया है। उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर 31 अक्टूबर तक बढ़ा हुआ वेतन नहीं मिला तो कलेक्ट्रेट कार्यालय में सामूहिक रूप से आत्मदाह करने के लिए मजबूर होना (MP News) पड़ेगा।
कई साल से नहीं मिला बढ़ा हुआ वेतन
जबलपुर जिले में लगभग 750 सहकारी समिति कर्मचारी हैं। पिछले साल 2023 में सरकार ने प्रदेश के सभी कर्मचारियों को बढ़ाकर वेतन देने का ऐलान किया गया था। सरकार के आदेश का पालन कुछ जिलों में किया जा रहा है और बढ़ा हुआ वेतन भी दिया गया, पर जबलपुर में आज भी वेतन विसंगति बनी हुई है। इन कर्मचारियों ने आज कलेक्टर से मुलाकात कर अपनी समस्या बताई। जिस पर उन्हें आश्वासन मिला है कि जल्द से जल्द शासन स्तर से बात कर समस्या का समाधान किया जाएगा। कर्मचारियों ने वेतन वृद्धि सहित अपनी अन्य मांगों से संबंधित एक ज्ञापन भी कलेक्टर को सौंपा (MP News) है।
कई माह से नहीं मिला वेतन
कलेक्टर से मुलाकात करने के बाद कर्मचारियों ने कहा, बहुत से ऐसे लोग भी हैं, जिन्हें कई महीने से मूल वेतन भी प्राप्त नहीं हुआ है, जिसके कारण आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में दीपावली की रौनक फीकी पड़ रही है। मध्य प्रदेश सहकारिता समिति कर्मचारी के सदस्यों ने बताया कि आसपास के जिलों में सहकारी समिति के कर्मचारियों को बढ़ा हुआ वेतन मिलने लगा, लेकिन जबलपुर जिले में लंबे समय से मांग के बावजूद कोई सुनवाई नहीं हो रही (MP News) है।
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…तो दिवाली के दिन ऐसा करने की दी चेतावनी
सहकारी समिति के कर्मचारी कपिल मिश्रा का कहना है कि वेतन वृद्धि को लेकर आदेश हो चुका है, इसके बाद भी जिले की लचर व्यवस्था होने के कारण अभी तक कई ऐसे कर्मचारी वेतन के लिए विभाग और कलेक्ट्रेट में भटक रहे हैं। इतना ही नहीं हर जनसुनवाई में कलेक्टर से निवेदन किया जाता है, आश्वासन मिलता है, फिर अधिकारी भूल जाते हैं। नाराज सहकारी समिति के कर्मचारियों ने चेतावनी दी है कि यदि 30 अक्टूबर तक मांगों पर विचार नहीं होता है तो 31 अक्टूबर को आत्मदाह करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा। इधर, कलेक्टर का कहना है कि यह सही है कि सहकारी समिति कर्मचारियों के वेतन का कुछ इश्यू आ रहा है, शासन स्तर से बात की जा रही है। उम्मीद है जल्द समस्या का समाधान निकाल लिया (MP News) जाएगा।
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