भोपाल।Conviction Rate in MP. निर्भया कांड के 11 साल हो गए हैं। हर किसी को झकझोर देने वाली इस घटना के बाद तय हुआ था कि महिलाओं के विरुद्ध होने वाले अपराध में सजा की दर (Conviction Rate in MP) बढ़ाई जाएगी, लेकिन मध्यप्रदेश में ऐसा कुछ होता दिखाई नहीं दे रहा है।
मध्यप्रदेश में महिला के विरुद्ध अपराधों के मामलों में सिर्फ 24 प्रतिशत को ही सजा हो सकी है। बाकी 76 फीसदी मामलों में आरोपी बरी हो गए हैं।
4811 मामलों में आरोपी हुई बरी
पुलिस मुख्यालय के आंकड़ों के अनुसार जुलाई 2022 से जून 2023 तक मध्यप्रदेश में महिलाओं के विरुद्ध अलग—अलग धाराओं में दर्ज 6359 आपराधिक मामलों कोर्ट में सुनवाई हुई। इनमें से 1548 मामलों में ही आरोपियों को सजा हो सकी। बाकी 4811 मामलों में आरोपी बरी हो गए।
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गंभीर अपराधों में 74 प्रतिशत मामलों में ही बने आरोपी
हालांकि, नवंबर 2023 तक गंभीर अपराधों में 1185 में न्यायालय ने निर्णय दिया। इनमें 74 प्रतिशत यानी 882 मामलों में दोषसिद्ध (Conviction Rate in MP) हुए। छह में 10 अपराधियों को मृत्युदंड की सजा भी सुनाई गई।
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गवाह के मुकर जाने से बच जाते हैं आरोपी
पुलिस मुख्यालय के अधिकारियों के अनुसार कई मामलों में गवाह ही कोर्ट के सामने मुकर जाते हैं। इससे केस कमजोर हो जाता है और आरोपी बरी हो जाते हैं। इसके अलावा घटना के संबंध में दिए गए अन्य प्रमाण साबित नहीं होने और कम गंभीर अपराधों में कई बार फरियादी के बयान बदल जाने न्यायालय से दोषसिद्ध (Conviction Rate in MP) नहीं हो पाता।
पुलिस मुख्यालय से पत्र भी लिखा गया
पुलिस मुख्यालय की सीआइडी शाखा ने प्रदेश में सभी पुलिस अधीक्षकों को इस संबंध में कई बार पत्र भी लिखा है कि साक्ष्यों का संकलन इस तरह से किया जाना चाहिए जो न्यायालय में प्रमाणित हो सकें।
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