
हाइलाइट्स
- 160 परिवारों की सूची प्रशासन को सौंपी गई।
- फरवरी में हुए एक गुरमत समागम में 180 परिवारों ने घर वापसी की है।
- हजारा थाने में 8 नामजद और 3-4 दर्जन अज्ञात के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है।
Pilibhit News: उत्तर प्रदेश के पीलीभीत जिले में भारत-नेपाल सीमा से सटे गांवों में धर्मांतरण का बड़ा रैकेट सक्रिय बताया जा रहा है। ऑल इंडिया सिख पंजाबी वेलफेयर काउंसिल के अनुसार, पिछले कुछ समय में करीब 3,000 सिख ईसाई धर्म अपना चुके हैं। इस गंभीर मामले की जानकारी डीएम और एसपी को दी गई है, साथ ही 160 परिवारों की सूची भी सौंपी गई है।
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धर्मांतरण के पीछे कौन?
काउंसिल के प्रदेश अध्यक्ष हरपाल सिंह जग्गी ने आरोप लगाया है कि नेपाल से आने वाले पादरी गांव-गांव जाकर लालच और अंधविश्वास के जरिए लोगों का जबरन धर्म परिवर्तन करवा रहे हैं। उनका कहना है कि यह सिलसिला वर्ष 2020 से चल रहा है।
किन गांवों में हो रहा है यह सब?
जग्गी के अनुसार धर्मांतरण की गतिविधियां मुख्य रूप से बैल्हा, टाटरगंज, बमनपुर भागीरथ जैसे गांवों में हो रही हैं, जहां कुल मिलाकर 20,000 से अधिक की आबादी है। इनमें बड़ी संख्या सिख समुदाय की है।
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डीएम-एसपी को सौंपी गई रिपोर्ट
- 160 परिवारों की सूची प्रशासन को सौंपी गई।
- फरवरी में हुए एक गुरमत समागम में 180 परिवारों ने घर वापसी की है।
- हजारा थाने में 8 नामजद और 3-4 दर्जन अज्ञात के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है।
मुख्यमंत्री से लेकर सांसद तक को दी गई जानकारी
धर्मांतरण की जानकारी सीएम योगी आदित्यनाथ, डिप्टी सीएम बृजेश पाठक, सांसद बृजलाल, विधायक राजेश्वर सिंह सहित कई जनप्रतिनिधियों को भी दी गई है। मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की गई है।
प्रशासन की प्रतिक्रिया,एक एफआईआर दर्ज
डीएम संजय कुमार सिंह ने बताया कि शिकायतों की जांच की जा रही है। एक महिला के मामले में अप्रत्यक्ष दबाव की बात सामने आई है।एसपी अभिषेक यादव ने पुष्टि की कि एक एफआईआर दर्ज की गई है और जांच जारी है।
गरीबी और शिक्षा की कमी
स्थानीय सिख नेताओं का कहना है कि क्षेत्र में गरीबी और शिक्षा की कमी धर्मांतरण का मुख्य कारण है। साथ ही उन्होंने दावा किया कि विदेशी एजेंसियां नेपाल के रास्ते इन गतिविधियों को अंजाम दे रही हैं, जिससे देश की आंतरिक सुरक्षा पर खतरा मंडरा रहा है।
पीड़ितों की शिकायत पर भी नहीं हुई कार्रवाई
गांव सिंघाड़ा (टाटरगंज) के दो पीड़ितों ने मार्च में एसपी को शपथपत्र देकर बताया कि उन्हें 2 लाख रुपये, आवास, शौचालय और अन्य सरकारी योजनाओं का लालच देकर धर्मांतरण कराया गया, लेकिन बाद में कोई लाभ नहीं मिला। इसके बावजूद अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है।
UP Education Department: यूपी के 26 जिलों के बीएसए को कारण बताओ नोटिस, टीचरों का कटेगा वेतन
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जिन 26 जिलों के बीएसए को नोटिस भेजा गया है, वे गोंडा, रायबरेली, सुल्तानपुर, अंबेडकरनगर, बहराइच, वाराणसी, मिर्जापुर, महोबा, मैनपुरी, मथुरा, मुरादाबाद, औरैया, बस्ती, चंदौली, इटावा, संतकबीरनगर, शामली, उन्नाव, आगरा, बलरामपुर, फतेहपुर, हाथरस, जौनपुर, कानपुर नगर, महराजगंज और संभल। पढ़ने के लिए क्लिक करें
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