नोएडा। ग्रेटर नोएडा के दादरी कोतवाली जारचा क्षेत्र के ग्रामीण क्षेत्रों में अब तक तीस से अधिक दुधारू भैंसों को जहर खिलाकर मारने वाले गैंग के दो बदमाशों को ग्रामीणों ने रंगे हाथों पकड़कर पुलिस को सौंप दिया है। पुलिस ने ग्रामीणों की तहरीर पर रिपोर्ट दर्ज कर दोनों बदमाशों से पूछताछ कर रही है।
दोनों की पहचान संदीप निवासी आदर्श नगर नई आबादी हापुड़ व दीपू निवासी आदर्श नगर गली नंबर तीन हापुड़ के रूप में हुई है। संदीप बीए द्वितीय वर्ष का और दीपू दसवीं का छात्र है।
रोटी में जहर मिलाकर खिलाने लगे
पुलिस के अनुसार, रानौली निवासी सुनील भाटी ने बताया कि रविवार दोपहर करीब 12 बजे के मोटरसाइकिल सवार दो अनजान युवक उनके घेर में घुसे और पशुओं को रोटी पर छल्ला चढ़ा कुछ खाद्य सामग्री खिलाने लगे। ये देख उन्होंने शोर मचा दिया और दोनों को दबोच लिया। शोर सुनकर आस पड़ोस के लोग भी मौके पर पहुंच गए।
कुछ घंटों में ही हो जाती पशु की मौत
उनसे बरामद रोटी को खोलकर देखा, तो उसमें कुछ पाउडर जैसी चीज थी। दोनों से सख्ती से पूछने पर बताया कि रोटी में जहर मिला हुआ है, जिसे खाते ही कुछ घंटों के बाद पशु की मौत हो जाती है। यह सुनते ही ग्रामीणों में आक्रोश आ गया।
दस दिनों से कर रहे थे ये का
सूचना गांव में फैलते ही सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण मौके पर एकत्रित हो गए। पूछताछ में पकड़े गए युवकों ने बताया कि वह यह काम जारचा क्षेत्र में पिछले दस दिनों से कर रहे हैं। अब तक प्यावली, बिसाहड़ा, जारचा क्षेत्र के अन्य गांवों में दोनों ने मिलकर 20 भैंसों को जहर खिलाकर मार चुके हैं।
भैंस को मारने के देता था एक हजार रुपये
यह काम वह हापुड़ जिले के गांव समाना के मवेशी ठेकेदार प्रदीप के कहने पर करते हैं। वह उन्हें प्रति भैंस को मारने के एक हजार रुपये देता है। अब तक दोनों के हिस्से मे 10-10 हजार रुपये आ चुके हैं। दोनों ने बताया कि हापुड़ के आदर्श नगर के रहने वाले सोनू व सनी से उनका परिचय पुराना था।
उन दोनों ने उन्हें मवेशी ठेकेदार प्रदीप समाना से दस दिन पहले मिलवाया था, तभी से वह जारचा क्षेत्र के गांव के बहार बने सुनसान क्षेत्र व पेड़ों के नीचे बंधी भैंसों को रोटी में लपेटकर जहर खिला देते थे। कुछ घंटों बाद भैंस की मौत हो जाने के बाद भैंस मालिक मवेशी ठेकेदार से पशु उठाने के लिए फोन कर बुलाता था।
भैंस की खाल और अवशेष बेचकर मोटा मुनाफा कमाते
मवेशी भैंस की खाल व अन्य अवशेषों को बेचकर मोटा मुनाफा कमाता है। ग्रामीण संदीप भाटी ने बताया कि उनकी अब तक दस भैंसें जहर खिलाने से मर चुकी हैं। इससे पहले उनकी भैंसों की डेयरी हुआ करती थी। इनके कारण आज थैली का दूध खरीदने को मजबूर हैं और कर्जा अलग से चढ़ गया है।
गांव में बीस भैंसों की हो चुकी मौत
सुनील भाटी ने बताया कि गांव में अलग-अलग पशुपालकों की 20 भैंसों की मौत जहर खाने से हो चुकी है, जिनमें सुनील भाटी की दस, प्रेम सिंह की पांच, मंगतू की दो, बलबीर की तीन भैंस शामिल हैं। सभी की कुल कीमत करीब 32 लाख रुपये बताई गई है।
लगातार जहर खाने से भैंसों की मौत होने के बाद से ग्रामीण निगरानी करने लगे थे, जिस कारण रविवार को दो को पकड़ लिया गया। यह दुधारू भैंसों को ही अपना निशाना बनाते थे। ग्रामीणों ने मोटरसाइकिल में बंधी रोटी और जहर भी बरामद कर पुलिस को सौंप दिया है।
ये भी पढ़ें:
Rajasthan News: कन्हैयालाल टेलर केस पर उबले सीएम हिमंता, कह दी ये बात