हाइलाइट्स
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भोपाल में सागर ग्रुप का है सागर पब्लिक स्कूल
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SPS के खिलाफ एमपी हाई कोर्ट में अवमानना की याचिका
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इससे पहले भी अन्य मामलों में दो बार दायर हो चुकी है अवमानना याचिका
Sagar Public School Case: मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के सागर पब्लिक स्कूल (SPS) की मुश्किलें बढ़ सकती है।
लगातार तीसरी बार हाई कोर्ट में न्यायालय के आदेश की अवमानना याचिका दायर की गई है।
इस बार की याचिका में सागर पब्लिक स्कूल पर Habitual Contemptor यानी आदतन अवमानना का आरोप लगाया गया है।
जिम्मेदारों को नोटिस जारी
हाई कोर्ट ने याचिका को स्वीकार कर सागर पब्लिक स्कूल (Sagar Public School Case) के चेयरमेन सुधीर अग्रवाल, सागर पब्लिक स्कूल रोहित नगर ब्रांच की प्रिंसिपल श्रद्धा कानूनगो सहित तत्कालीन प्रिंसिपल मधुबाला चौहान को नोटिस जारी कर दो सप्ताह में जवाब मांगा है।
इन मामलों में SPS पर लगी अवमानना याचिका
1. कोरोनाकाल में बच्चों से अधिक फीस वसूली: कोरोनाकाल में हाई कोर्ट ने लॉकडाउन के दौरान सिर्फ शिक्षण शुल्क लेने के आदेश दिए थे। सागर पब्लिक स्कूल ने आनलाइन तैराकी सिखाने जैसे हास्यात्मक प्रयोग कर बच्चों से अन्य फीस भी वसूल की। इसे लेकर हाई कोर्ट में अवमानना याचिका लगाई गई।
ये हुआ आदेश: नवंबर 2022 में सागर पब्लिक स्कूल ने अपने कारनामे पर हाई कोर्ट से माफी मांगी। 118 बच्चों को 20 लाख 62 हजार रुपये की अतिरिक्त फीस लौटाई गई।
2. कोरोनाकाल में काटी सैलरी का नहीं किया भुगतान: हाईकोर्ट का आदेश था कि कोरोनाकाल में टीचर की सैलरी यदि 20 प्रतिशत से ज्यादा काटी जाती है तो उसे बाद में 6 किस्तों में लौटा दिया जाएगा। SPS ने ऐसा तो किया नहीं उल्टा सैलरी मांगने वाली म्यूजिक टीचर को निकाल दिया।
ये हुआ आदेश: हाई कोर्ट में दूसरी बार फिर स्कूल के खिलाफ अवमानना याचिका पहुंची। सागर पब्लिक स्कूल ने हाई कोर्ट में फिर माफी मांगी। म्यूजिक टीचर अनिता पठोदिया को पैसों का भुगतान किया।
3. टीचर को नौकरी से निकालने पर देय का भुगतान नहीं: म्यूजिक टीचर अनिता पठोदिया की तरह ही 11 साल से स्कूल में पढ़ा रहे फीजिक्स टीचर नितीश विश्वास को नौकरी से निकाल दिया। कोरोनाकाल में काटी गई सैलरी और अन्य देयक का भुगतान नहीं किया।
ये हुआ आदेश: अभी इस मामले में पहली सुनवाई ही 28 फरवरी को हुई है। हाई कोर्ट ने याचिका को स्वीकर कर सागर पब्लिक स्कूल के जिम्मेदारों को नोटिस जारी कर दो सप्ताह में जवाब मांगा है।
एनओसी रद्द कर बहाल भी कर दी पर शिक्षक को नहीं हुआ भुगतान
सागर पब्लिक स्कूल (Sagar Public School Case) के पूर्व फीजिक्स टीचर नीतिश विश्वास का जो मामला हाई कोर्ट पहुंचा है, उसे ही लेकर पहले भी शिकायतें हुई हैं।
कोरोना काल में काटे गए वेतन और नियम विरूद्ध तरीके से स्कूल से निकाल देने के बाद अन्य देय का भुगतान नहीं करने पर सीएम हेल्पलाइन में शिकायत की गई थी।
जांच में शिकायत सही पाई गई और स्कूल प्रबंधन को शिक्षक का भुगतान करने को कहा गया।
जब प्रबंधन ने कोई कार्रवाई नहीं की तो लोक शिक्षण संचालनालय के ज्वाइंट डायरेक्टर ने 17 मई 2022 को स्कूल की एनओसी रद्द कर मान्यता समाप्त करने के लिए शासन को अनुशंसा भेज दी।
इसके कुछ समय बाद रद्द एनओसी को बहाल तो कर दिया पर शिक्षक को आज तक एक रुपये का भुगतान नहीं हुआ।
सागर पब्लिक स्कूल की इसलिए बढ़ेगी मुश्किलें
सागर पब्लिक स्कूल के खिलाफ (Sagar Public School Case) हाई कोर्ट के आदेश की आवमानना के ही तीन केस हो गए हैं, जो अपने आप में स्कूल के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकते हैं।
लेकिन स्कूल के लिए सबसे बड़ी दिक्कत म्यूजिक टीचर अनिता पठोदिया का केस होने वाला है। दरअसल अनिता पठोदिया और वर्तमान फीजिक्स टीचर नितीश विश्वास का केस पूरी तरह से समान है।
दोनो ही केस में हाई कोर्ट के एक ही आदेश की अवमानना हुई है। स्कूल की ब्रांच भी एक ही है। अनिता पठोदिया केस में हाई कोर्ट अपना फैसला सुना चुका है। उसके बाद भी समान नेचर का उसी स्कूल का केस फिर हाई कोर्ट पहुंच गया है।
यही कारण है कि इस केस में याचिकाकर्ता ने सागर पब्लिक स्कूल को Habitual Contemptor यानी आदतन अवमानना करने वाला बताया है।