Uniform Civil Code: एक बार फिर Uniform Civil Code (समान नागरिक संहिता) का मुद्दा छिड़ा है वहीं पर इसे लेकर लॉ कमीशन ने नई कंसल्टेशन प्रोसेस शुरू करने की बात कही है। वहीं इस पर नए सिरे विचार कर बदलाव किया जाएगा।
नए सिरे से विचार के बाद बदलाव
आपको बताते चले कि, यहां पर UCC की जरूरत पर नए सिरे से विचार करने का फैसला किया है। इसके तहत लोगों और धार्मिक संगठनों के सदस्यों सहित इससे जुड़े विभिन्न पक्षों से विचार जाने जाएंगे। इसके अलावा इसमें यह भी होगा कि, जिनकी इस विषय में रुचि है और अन्य इच्छुक लोग लॉ कमीशन को नोटिस की तारीख से 30 दिनों के भीतर अपने विचार प्रस्तुत कर सकते हैं।
21वें लॉ कमीशन में की थी इस मुद्दे पर बात
आपको बताते चले कि, यूनिफॉर्म लॉ कमीशन के मुद्दे पर बात पहले के समय में 21वें लॉ कमीशन में किया गया था। उस दौरान इस मुद्दे पर विचार प्रस्तुत करने के साथ ही UCC के राजनीतिक रूप से संवेदनशील मामले पर कमीशन ने दो मौकों पर सभी पक्षों के विचार मांगे थे। 21वें लॉ कमीशन का कार्यकाल अगस्त 2018 में समाप्त हो गया था। बता दें कि, उक्त कंसल्टेशन पेपर जारी करने की तारीख से तीन वर्ष से अधिक समय बीत चुका है। इस विषय की प्रासंगिकता, महत्व और इस विषय पर विभिन्न अदालती आदेशों को ध्यान में रखते हुए भारत के 22वें लॉ कमीशन ने नए सिरे से विचार-विमर्श करने का फैसला लिया।
तीन साल का मिला विस्तार
आपको बताते चले कि, 22वें लॉ कमीशन को हाल ही में तीन साल का विस्तार मिला है। इसलिए कमीशन ने कानून और न्याय मंत्रालय द्वारा भेजे गए एक संदर्भ पर UCC जुड़े मुद्दों को एक्जामिन करना शुरू किया है। इसी के तहत बड़े पैमाने पर लोगों और धार्मिक संगठनों के विचार लिए जा रहे हैं।
जानिए क्या सिद्धांतों वाले दस्तावेज में
आपको बताते चले कि, यहां पर इस मुद्दे पर सिद्धांतों वाला दस्तावेज सामने आया था जिसमें कई बातें कही गई थी। वहीं पर यूसीसी अध्ययन करते हुए कुछ मानकों को सामने रखा गया और उन्हीं के दायरे में रिपोर्ट पर काम हुआ।
- कोड ऐसा हो जिसमें महिलाओं और पुरुषों के बीच किसी प्रकार का भेदभाव न रहे।
- धार्मिक आस्थाओं, मान्यताओं और भावनाओं का आदर कायम रहे।
- संबंध विच्छेद के मामलों में बच्चों के अधिकार सुनिश्चित रखे जाएं।
- कोड अधिकतम स्वीकार्यता वाला हो।
- संविधान की कसौटियों पर खरा हो।