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संविधान में कैसे जुड़ी भारत की आत्मा: मध्य प्रदेश के इस चित्रकार का रहा बड़ा योगदान, जानें कौन?

Constitution Day 2024 Special; Madhya Pradesh Artist Beohar Rammanohar Sinha Constitution Manuscript Illustration History; भारतीय संविधान लागू होने के समय इसमें कुल 22 भाग थे और हर भाग के पहले पृष्ठ पर भारतीय संस्कृति, सभ्यता और मूल्यों की विरासत को दर्शाने

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Shashank Kumar
Constitution Illustration

Constitution Illustration: हमारा भारतीय संविधान दुनिया का इकलौता संविधान है, जो हाथों से लिखा और चित्रों से सजा हुआ है। हममें से ज्यादातर लोगों को यह पता है कि भारत का संविधान किसने बनाया। लेकिन क्या आप यह जानते हैं कि  हमारा संविधान किसने सजाया? 

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दरअसल, भारतीय संविधान लागू होने के समय इसमें कुल 22 भाग थे और हर भाग के पहले पृष्ठ पर भारतीय संस्कृति, सभ्यता और मूल्यों की विरासत को दर्शाने वाले प्रतीकों का चित्रांकन किया गया है।

यह चित्रांकन बिहार के प्रख्यात चित्रकार नंदलाल बसु और उनके शिष्यों ने किया था। इन शिष्यों में मध्यप्रदेश के एक चित्रकार का सबसे अहम योगदान था जिनका नाम ब्यौहार राममनोहर सिंहा था।

एमपी के इस चित्रकार ने संविधान को दी आत्मा

मध्यप्रदेश के (MP Contribution in Constitution) जबलपुर के चित्रकार ब्यौहार राममनोहर सिंहा ने संविधान के कुल 22 चित्रों में से सबसे ज्यादा 12 चित्र बनाए थे। इसके अलावा भारतीय संविधान की आत्मा कहे जाने वाली प्रस्तावना का चित्रांकन भी उन्होंने अपने हाथों से ही किया।

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बता दें, संविधान की प्रस्तावना के मूल पृष्ठ को सर्वाधिक कलात्मक ढंग से सजाया गया है। इसे सजाने के लिए सिंधु घाटी सभ्यता, मोहनजोदाड़ो, कर्नाटक की बादामी गुफा और महाराष्ट्र की अजंता एलोरा की गुफाओं में मौजूद विशुद्ध भारतीय शैली के चित्रों का उपयोग हुआ है। इसमें किसी भी प्रकार से विदेशी शैली का प्रयोग नहीं है, जो इसे भारत की आत्मा से जोड़ती है।

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राममनोहर सिंहा के पिता ने दी थी ये सलाह

दरअसल, जब संविधान बन कर तैयार हुआ तो संविधान सभा के अध्यक्ष डॉ. राजेन्द्र प्रसाद को एहसास हुआ कि इसमें भारतीय सभ्यता, संस्कृति और मानवीय मूल्यों की विरासत का उल्लेखनीय छूट गया है।

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लेकिन, अगर संविधान तैयार होने के बाद इसमें संसोधान होता तो यह प्रकिया काफी लंबी हो जाती। ऐसे में हिंदी के साहित्यकार ब्यौहार राजेन्द्र सिंह ने डॉ. राजेन्द्र प्रसाद को सुझाव दिया गया कि संविधान में भारतीय विरासत और इतिहास को आर्टवर्क (Constitution Illustration) के रुप में शामिल किया जा सकता है।

Constitution Illustration

इसके बाद उन्होंने उस समय के सबसे प्रख्यात चित्रकार नंदलाल बोस से कलात्मक चित्रों के जरिए संविधान के प्रति को सजाएं। इसके बाद बोस और उनके शिष्यों ने इस काम को पूरा किया। दिलचस्प बात रही कि साहित्यकार राजेन्द्र सिंह  आर्टवर्क के काम में अहम योगदान देने वाले ब्यौहार राममनोहर सिंहा के पिता थे।

संविधान की सजावट में संस्कृति की छाप

भारत के संविधान को नंदलाल बोस के निर्देशन में शांतिनिकेतन के कलाकारों ने अपने अद्भुत चित्रों से सजाए हैं। इन चित्रों की की शुरुआत होती है भारत के राष्ट्रीय प्रतीक अशोक स्तंभ के शेर से और अगले भाग में भारत की प्रस्तावना लिखी है, जिसे सुनहरे बार्डर से घेरा गया है।

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इनमें मोहनजोदड़ो, वैदिक काल, रामायण, महाभारत, बुद्ध के उपदेश, महावीर के जीवन, मौर्य, गुप्त और मुगल काल, इसके अलावा गांधी, सुभाष, हिमालय से लेकर सागर आदि के चित्र काफी सुंदर लगते हैं। वास्तव में यह चित्र भारतीय इतिहास की विकास यात्रा है। 

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