National Herald Congress BJP Controversy: भोपाल के भाजपा प्रदेश कार्यालय में 16 अप्रैल, बुधवार को प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा (Vd sharma) ने पत्रकार-वार्ता को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस (Congress) पार्टी हमेशा झूठ, छल-कपट की राजनीति करती रही है। नेशनल हेराल्ड (National Herald ) मामले को लेकर उसका विरोध प्रदर्शन भी चोरी और सीनाजोरी का उत्कृष्ट उदाहरण है। कांग्रेस को तकनीकी और कानूनी आधार पर अपना पक्ष अदालत में रखना चाहिए।
कांग्रेस पता लगाए, अंदरूनी षडयंत्र किसने रचा?
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष शर्मा ने कहा कि मैं कांग्रेस के मित्रों से ये पूछना चाहता हूं कि ईडी (ED) की चार्जशीट (charge sheet) में सोनिया गांधी (Soniya gandhi), राहुल गांधी (Rahul gandhi) और सैम पित्रोदा (Sam Pitroda) के नाम आए हैं, तो इनके खिलाफ षडयंत्र किसने किया? चूंकि यह मामला मोदी (Modi) सरकार के आने के पहले का है, इसलिए कांग्रेस पार्टी का इस मुद्दे पर राजनीति करने का कोई औचित्य ही नहीं बनता।
90 करोड़ की कर्जदार बन गई करोड़ों की मालिक
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष शर्मा ने कहा कि तकनीकी दृष्टिकोण से देखें तो यह भारत के इतिहास का एक ऐसा विचित्र मामला है, जिसमें 90 करोड़ रुपए की देनदारी वाली कंपनी हजारों करोड़ रुपए की संपत्ति वाली कंपनी बन गई। इस कंपनी के 76 प्रतिशत शेयर (share) यानी तीन-चौथाई स्वामित्व सोनिया गांधी और राहुल गांधी के पास था।
कार्पोरेट षडयंत्र का परिणाम है नेशरल हेराल्ड मामला
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष शर्मा ने कहा कि नेशनल हेराल्ड अखबार 1937 में शुरू हुआ। उस समय यह नेहरू खानदान की जागीर नहीं था। इसके 5000 शेयर-होल्डर थे। कई लोगों ने इसके लिए सहयोग किया था। 2008 में नेशनल हेराल्ड बंद हो गया। फिर कांग्रेस ने 90 करोड रुपए का लोन इस अखबार को दिया।
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संवैधानिक संस्थाओं का अपमान कांग्रेस की पुरानी आदत
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष शर्मा ने कहा कि कांग्रेस की सरकारों का जब मन हुआ, उन्होंने संविधान (Constitution) पर प्रहार किए और उसमें संशोधन किए। कांग्रेस की सरकार ने देश में लोकतंत्र (Democracy) की हत्या की। एक संवैधानिक (constitutional) संस्था के तौर पर संसद (parliament) देश (country) में कानून बनाने का काम करती है।
काले धन को सफेद करने का माध्यम नेशनल हेराल्ड
मीडिया (Media) लोकतंत्र का चौथा स्तंभ (fourth pillar) है। देश में जनता की आवाज को बुलंद करने के लिए कई अखबार (Newspaper) और चैनल (channel) आए। चल भी रहे हैं। ऐसे में एक ऐसा अखबार जिस पर कांग्रेस की सरकारों का पूरा आशीर्वाद रहा, वो क्यों नहीं चल सका? ये अखबार परोक्ष रूप से काले धन को सफेद करने और कांग्रेस के भ्रष्टाचार (Corruption) का माध्यम ही था।
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