Santokh Chaudhary: पंजाब में चल रही भारत जोड़ो यात्रा के दौरान दिल का दौरा पड़ने से दिवंगत हुए कांग्रेस सांसद संतोख सिंह चौधरी का आज रविवार को पंचतत्व में विलीन हो गए। पंजाब के जालंधर जिले में स्थित उनके पैतृक गांव धालीवाल में पूरे राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया। इस मौके पर कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने भी सांसद संतोख सिंह चौधरी को अंतिम सम्मान दिया।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने अंत्येष्टि स्थल पर चौधरी को अंतिम विदाई दी। उन्होंने चौधरी को परिश्रमी नेता और पार्टी का मजबूत स्तंभ बताया। कांग्रेस की पंजाब इकाई के प्रमुख अमरिंदर सिंह राजा वडिंग, विपक्ष के नेता प्रताप सिंह बाजवा, पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी, सांसद मोहम्मद सादिक समेत पार्टी के नेताओं और जिला प्रशासन तथा पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी इस मौके पर मौजूद थे।
Jalandhar, Punjab | Congress MP Rahul Gandhi pays last respects to Santokh Singh Chaudhary, the party’s MP who passed yesterday in Ludhiana. Chaudhary collapsed while walking during Bharat Jodo Yatra and was rushed to a hospital and passed away later. pic.twitter.com/puWPgr6e2z
— ANI (@ANI) January 15, 2023
बता दें कि रविवार सुबह कांग्रेस समर्थकों समेत सैकड़ों लोगों ने चौधरी को जलंधर में उनके आवास पर अंतिम विदाई दी, जहां उनकी पार्थिव देह रखी हुई थी। बाद में उनके पार्थिव शरीर को अंतिम संस्कार के लिए उनके पैतृक गांव धालीवाल ले जाया गया। उनके बेटे विक्रमजीत सिंह ने उन्हें मुखाग्नि दी।
गौरतलब है कि दो बार सांसद रहे 76 वर्षीय चौधरी का शनिवार को पंजाब के फिल्लौर में ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के दौरान दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया था। उनके निधन के बाद यात्रा को 24 घंटे के लिए स्थगित कर दिया गया था। चौधरी पदयात्रा में भाग लेते वक्त बेहोश हो गए थे। उन्हें फगवाड़ा के एक निजी अस्पताल ले जाया गया था जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया।
बता दें कि दोआब क्षेत्र के प्रमुख दलित नेता चौधरी एक समृद्ध राजनीतिक विरासत वाले परिवार से ताल्लुक रखते थे। उनके पिता मास्टर गुरबंत सिंह सात बार विधायक और पंजाब के पूर्व कृषि मंत्री भी रहे। चौधरी के बड़े भाई चौधरी जगजीत सिंह पांच बार विधायक और स्थानीय निकाय मंत्री रहे। विक्रमजीत सिंह भी फिल्लौर विधानसभा सीट से कांग्रेस विधायक हैं। संतोख सिंह चौधरी 2014 और 2019 में लोकसभा के लिए निर्वाचित हुए। वह तीन बार विधायक और 1992 तथा 2002 में कांग्रेस सरकार में मंत्री रहे।