Congress MLA grandson kidnapped: मध्य प्रदेश के रायसेन जिले में सिलवानी-बेगमगंज से कांग्रेस विधायक देवेंद्र पटेल के दो वर्षीय पोते दिव्यम पटेल के अपहरण की गुत्थी को पुलिस ने महज 14 घंटे में सुलझा लिया है। यह घटना तब सामने आई जब गुरुवार शाम को बच्चा अपने घर से लापता हो गया। पुलिस की सतर्कता और तेजी से की गई कार्रवाई के चलते छिंदवाड़ा जिले के तामिया से बच्चे को सकुशल बरामद कर लिया गया। इस अपहरण की साजिश विधायक के रिश्ते में लगने वाले दादा अरविंद पटेल ने रची थी।
कब हुआ अपहरण ?
घटना गुरुवार सुबह बेगमगंज तहसील के पालोहा गांव में विधायक के निवास पर ही घटी। जब दो वर्षीय दिव्यम सुबह लगभग 11:00 बजे घर के पिछले आंगन में खेल रहा था, इसी दौरान अरविंद पटेल वहां आया और बच्चे को घर के आंगन से अपने साथ ले गया। चूंकि बच्चा अरविंद को पहले से जानता था और उसके पास अक्सर चला जाता था, इसलिए उसने कोई विरोध नहीं किया। सबसे बड़ी बात इस स्थान में सीसीटीवी कैमरे भी नहीं लगे थे, जिससे उसका अपहरण रिकॉर्ड नहीं हो सका।
काफी देर तक नहीं दिखा, तो हुआ शक
जब बच्चा काफी देर से दिखा नहीं तो परिवार को शक हुआ। उन्होंने पूरे घर में तलाश करने के बाद आसपास भी पूछताछ की। लेकिन कहीं कुछ पता नहीं चल सका। ऐसे में परिवार ने तुरंत इसकी सूचना पुलिस को दी। पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए गुमशुदगी और अपहरण की धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया।
SP ने बनाई थी 11 लोगों की टीम
पुलिस अधीक्षक पंकज पांडे ने बताया कि गुरुवार को ग्राम पलोहा से क्षेत्रीय विधायक देवेंद्र पटेल के रिश्तेदार योगेंद्र पटेल के दो वर्षीय पुत्र दिव्यम पटेल का अपहरण हो गया था। घटना की गंभीरता को देखते हुए एसपी पांडे ने तुरंत कार्रवाई करते हुए 11 सदस्यीय विशेष टीम गठित की। इस टीम में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक कमलेश खरपुशे, एसडीओपी आलोक श्रीवास्तव (बेगमगंज), अनिल मौर्य (सिलवानी), महिला उपनिरीक्षक बबिता विश्वकर्मा (सिलवानी), थानाप्रभारी राजीव उइके (बेगमगंज) एवं गैरतगंज थानाप्रभारी सहित पुलिस बल शामिल था।
पुलिस ने ली डॉम कैमरे की मदद
पुलिस टीम ने बच्चे की तलाश के लिए क्षेत्र में व्यापक अभियान चलाया। परिजनों, गांववासियों और आसपास के लोगों से गहन पूछताछ की गई। घर एवं पंचायत भवन में लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली गई, साथ ही डॉम कैमरे की मदद से भी सर्च ऑपरेशन चलाया गया, लेकिन शुरुआती तौर पर कोई ठोस सुराग हाथ नहीं लगा।
फिरौती के लिए अपहरणकर्ता ने फेंकी पर्ची
योगेंद्र पटेल के घर पर फिरौती की मांग को लेकर एक पर्ची फेंकी गई, जिसके आधार पर पुलिस ने जांच आगे बढ़ाई। जांच का दायरा जब योगेंद्र की बुआ के बेटे अरविंद पटेल और अन्नू तक पहुंचा, तो घटनाक्रम की कड़ियां एक-एक कर जुड़ती चली गईं।
260 KM दूर मिला बच्चा
पुलिस ने क्षेत्र के सभी प्रवेश और निकास द्वारों पर नाकाबंदी कर दी। एक एक वाहनों की सघन तलाशी ली। पुलिस ने 14 घंटे के भीतर बड़ी सफलता हासिल करते हुए बच्चे को छिंदवाड़ा जिले के तामिया क्षेत्र में अरविंद पटेल के दोस्त के घर से सुरक्षित बरामद कर लिया। आज बच्चे को सकुशल उसके परिजनों को सौंप दिया गया है।
बुआ का बेटा निकला अपहरण का मास्टरमाइंड
अपहरण की इस साजिश का मास्टरमाइंड योगेंद्र पटेल की बुआ का बेटा, अरविंद पटेल उर्फ अन्नू पटेल (32 वर्ष), पिता स्व. रामगोपाल पटेल निकला। वह मूल रूप से बटयाउदा (राहतगढ़), जिला सागर का निवासी है, जबकि वर्तमान में ग्राम पलोहा, बेगमगंज में रहता है। रिश्ते में वह बच्चे का दादा लगता है। अरविंद पटेल का पलोहा गांव में भोपाल रोड पर एक भव्य मकान है। उसके पास 28 एकड़ कृषि भूमि, एक हार्वेस्टर, ट्रैक्टर, कार सहित कई संपत्तियाँ हैं। वह गांव में अपनी पत्नी, एक बेटे और एक बेटी के साथ अकेला रहता है। उसका बड़ा भाई देवेंद्र पटेल बेगमगंज नगर में हार्डवेयर व्यवसाय करता है और वहीं निवास करता है।
डेढ़ किलो सोने की मांग
अपहरण की योजना में अरविंद ने अपने चाचा ससुर के बेटे राकेश पटेल और एक अन्य साथी राहुल को शामिल किया। तीनों ने मिलकर बच्चे को तामिया में अरविंद के एक मित्र के घर ले जाकर छिपा दिया था। इस पूरे घटनाक्रम का खुलासा तब हुआ जब योगेंद्र पटेल के घर पर फिरौती की एक पर्ची फेंकी, जिसमें डेढ़ किलो सोने की मांग की गई थी। इसी सुराग के आधार पर पुलिस ने जांच आगे बढ़ाई और आरोपियों तक पहुंचकर बच्चे को सुरक्षित बरामद कर लिया।
ऐसे दिया था अपहरण को अंजाम
जानकारी के अनुसार, अपहरण में इस्तेमाल की गई दो बाइक और एक मारुति ईको कार पुलिस ने जब्त की है। मुख्य आरोपी अरविंद पटेल उर्फ अन्नू, उसके साथी राकेश पटेल और राहुल को पुलिस अभिरक्षा में लेकर जब पूछताछ की गई, तो आरोपियों ने पूरी घटना की योजना का खुलासा किया।
आरोपियों ने बताई किडनैप की कहानी
आरोपियों ने बताया कि अरविंद पटेल ने बच्चे को घर के आंगन से उस स्थान से उठाया जहां सीसीटीवी कैमरे नहीं लगे थे, जिससे उसका अपहरण रिकॉर्ड नहीं हो सका। चूंकि बच्चा अरविंद को पहले से जानता था और उसके पास अक्सर चला जाता था, इसलिए उसने कोई विरोध नहीं किया।
अरविंद बच्चे को लेकर पहले बाइक से बसिया ढाबा तक गया, जहां एक मारुति ईको कार पहले से तैयार खड़ी थी। यह कार अरविंद के पास गिरवी रखी गई थी। वहां से अरविंद और राकेश पटेल बच्चे को लेकर रवाना हुए, लेकिन रास्ते में कार सिलवानी तहसील के साईंखेड़ा क्षेत्र में खराब हो गई।
इसके बाद अरविंद ने अपने साथी राहुल से 50 हजार रुपये में उसकी बाइक खरीदी और वहां से निकला। लेकिन किस्मत ऐसी खराब की वो वह बाइक भी रास्ते में खराब हो गई। तब उसने किसी तरह दूसरी व्यवस्था की और आखिर में तीनों आरोपियों ने बच्चे को लेकर तामिया पहुंच गए, जहां उसे अरविंद के एक दोस्त के घर छिपाकर रखा गया था।
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