हाइलाइट्स
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सपा-कांग्रेस का सीट शेयरिंग फार्मूला तय
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सपा के लिये कांग्रेस ने छोड़ी खजुराहो सीट
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खजुराहो सांसद वीडी शर्मा हैं बीजेपी के प्रदेशाध्यक्ष
MP Lok Sabha Election: लोकसभा चुनाव नजदीक आते ही मध्य प्रदेश में राजनीतिक सरगर्मियां बढ़ने लगी हैं। लोकसभा चुनाव (MP Lok Sabha Election) के लिये एमपी में आखिरकार सपा-कांग्रेस ने हाथ मिला लिया है।
इंडिया गठबंधन में सीट शेयरिंग की शुरुआत समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के बीच यूपी-एमपी की सीटों पर समझौते के साथ हो गई है। उत्तर प्रदेश की 80 लोकसभा सीटों में से 17 सीटें कांग्रेस के लिए छोड़ी है।
वहीं मध्यप्रदेश की 29 सीटों में से कांग्रेस ने एक खजुराहो सीट समाजवादी पार्टी को दी है। हालांकि इस समझौते में सबसे ज्यादा चर्चा खजुराहो लोकसभा सीट (MP Lok Sabha Election) की हो रही है।
बीजेपी के प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा की इस संसदीय सीट पर कांग्रेस ने मैदान छोड़ दिया है, लेकिन सपा के लिए ये मैदान उतना भी आसान नहीं होने वाला है। इधर सपा प्रमुख अखिलेश यादव इस गठबंधन को लेकर पूरी तरह से कॉन्फिडेंट नजर आ रहे हैं।
इस सीट पर 1999 में जीती थी कांग्रेस
एमपी की खजुराहो लोकसभा सीट (MP Lok Sabha Election) के सियासी हालात भी देख लेते हैं। साल 1999 में कांग्रेस के सत्यव्रत चतुर्वेदी आखिरी बार यहां से कांग्रेस सांसद के रूप में चुने गए थे।
इसके बाद हर साल कांग्रेस मैदान में उतरी, लेकिन इसे फतह करने में नाकाम ही रही। बात करें खजुराहो सीट पर पिछले तीन चुनावों के रिजल्ट की तो हर बार यहां कांग्रेस के हालात खराब रही है।
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तीन चुनाव के नतीजों से समझे स्थिति
– 2009 में हुए लोकसभा चुनाव में बीजेपी के जितेंद्र सिंह बुंदेला ने यहां से जीत हासिल की थी। उन्होंने कांग्रेस के राजा पटेरिया को 28 हजार 332 मतों के अंतर से हराया था। इस चुनाव में सपा उम्मीदवार जयवंत सिंह तीसरे स्थान पर रहे थे।
– 2014 के लोकसभा चुनाव में इस सीट पर बीजेपी ने इतिहास ही रच दिया था। बीजेपी के नागेंद्र सिंह ने 2 लाख 47 हजार की लीड से जीत हासिल की थी। यहां कांग्रेस से दोबारा राजा पटेरिया को मौका दिया। सपा से सिध्दार्थ कुशवाह चुनाव लड़े।
– 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी के वीडी शर्मा ने इस सीट पर इतनी बड़ी जीत हासिल की सारे रिकॉर्ड टूट गए। तीज का अंतर 4 लाख 92 हजार रहा। इस चुनाव में कांग्रेस की कविता राजे की शर्मनाक हार हुई। सपा से वीरसिंह पटेल चुनाव लड़े।
ये है वोट बैंक का गणित
कांग्रेस इन चुनावी नतीजों के बाद ये सीट सपा को इसलिए दी क्योंकि खजुराहो-छतरपुर लोकसभा सीट (MP Lok Sabha Election) का इलाका यूपी से लगता है और इन इलाकों में समाजवादी पार्टी और बसपा पार्टी का काफी दखल रहा है।
समाजवादी पार्टी का यूपी से सटे एमपी के जिलों में अच्छा-खासा वोट बैंक है। इस सीट शेयरिंग के बाद सिर्फ खजुराहो ही नहीं एमपी की दूसरी सीटों पर भी कांग्रेस को इसका फायदा होगा।
बीजेपी के मिशन 29 की काट के तौर पर कांग्रेस का ये दांव कुछ हद तक बीजेपी की टेंशन बढ़ा सकता है। हालांकि खजुराहो लोकसभा सीट (MP Lok Sabha Election) पर बीजेपी को हराना इतना आसान नहीं होगा।