नई दिल्ली। (भाषा) कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर महंगाई को रोकने में विफल रहने और जनता की बेबसी का फायदा उठाने का आरोप लगाते हुए मंगलवार को पेट्रोलियम उत्पादों की कीमतें कम कर और जरूरी वस्तुओं पर जीएसटी की दरें घटाकर लोगों को राहत प्रदान करने की मांग की। पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने यह भी कहा कि कांग्रेस 19 जुलाई से आरंभ हो रहे संसद के मानसून सत्र में महंगाई के मुद्दे को उठाएगी और इस पूर्ण चर्चा की मांग करेगी। उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘महंगाई को लेकर राजग सरकार लगातार यह बताने की कोशिश कर रही है कि महंगाई से जुड़ी चिंता फर्जी है और अगर सरकार इस मुद्दे को नजरअंदाज करती है तो यह मुद्दा खत्म हो जाएगा।
Congress demands that the central govt should immediately reduce the prices of petrol, diesel and LPG. We demand that import duties be reviewed and reset so prices of essential imported goods. We also demand that GST rates be reduced on an array of goods: P Chidambaram
— ANI (@ANI) July 13, 2021
कांग्रेस पार्टी महंगाई के मुद्दे पर केंद्र सरकार की घोर लापरवाही की निंदा करती है।’’ चिदंबरम के मुताबिक, ‘‘सरकार और रिजर्व बैंक ने चार प्रतिशत के आसपास महंगाई दर का लक्ष्य रखा था। जबकि उपभोक्ता मुद्रास्फीति छह प्रतिशत की अधिकतम सीमा को पार कर गयी है और एनएसओ की ओर से सोमवार को जारी विज्ञप्ति के मुताबिक यह 6.26 प्रतिशत तक पहुंच गई है। शहरी उपभोक्ता मुद्रास्फीति मई में 5.91 प्रतिशत थी जो जून में बढ़कर 6.37 प्रतिशत तक पहुंच गई। कोर महंगाई दर एक महीने में 5.5 प्रतिशत से बढ़कर 5.8 प्रतिशत हो गई।
खाद्य मुद्रास्फीति 5.58 प्रतिशत पहुंच गई है। दलहन मुद्रास्फीति बढ़कर 10.01 प्रतिशत हो गई है। फलों की महंगाई दर 11.82 प्रतिशत तक पहुंच गई है। परिवहन सेवा की महंगाई दर 11.56 प्रतिशत हो गई है। ईंधन महंगाई दर 12.68 प्रतिशत हो गई है।’’ उन्होंने यह भी कहा कि सरकार पेट्रोल, डीजल और रसोई गैस की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी कर रही है। पूर्व वित्त मंत्री ने आरोप लगाया, ‘‘महंगाई के आगे लोग बेबस हैं…सरकार लोगों की बेबसी का दोहन कर रही है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘कांग्रेस पार्टी मांग करती है कि केंद्र सरकार को पेट्रोल, डीजल और एलपीजी कीमतों में अच्छी खासी कमी करनी चाहिए। हम मांग करते हैं कि आयात शुल्क की समीक्षा की जाए और इसे फिर से तय किया जाए ताकि आयात की जाने वाली जरूरी वस्तुएं सस्ती हो सकें।’’ उन्होंने यह भी कहा, ‘‘हम यह भी मांग करते हैं कि जीएसटी की दरें उन वस्तुओं पर कम की जाएं जो लोगों की ओर से रोजमर्रा में बड़े पैमाने पर इस्तेमाल की जाती है।