नई दिल्ली। अब आप जल्द ही सभी बैंकों से जुड़ी शिकायतें एक ही जगह पर कर पाएंगे। आने वाले समय में बैंक से जुड़े सभी शिकायतों के लिए एक अलग नंबर होगा। प्रधानमंत्री मोदी ने शुक्रवार को एकीकृत लोकपाल योजना की सौगात दी है। वित्तीय और बैंकिग संस्थानों के ग्राहक इसके जरिए एक लोकपाल को अपनी शिकायत एक ई-मेल आईडी और नंबर की मदद से कर सकेंगे। खास बात यह है कि इस व्यवस्था के तहत एक टोल-फ्री नंबर होगा, जो बहुभाषी होगा। यानी उस पर विभिन्न भाषाओं में शिकायत की सुविधा मिलेगी। आइए विस्तार से जानते हैं इस सुविधा के बारे में।
सब कुछ एक ही स्थान पर
PMO के बयान के मुताबिक, एकीकृत लोकपाल योजना का उद्देश्य शिकायतों को दूर करने वाली प्रणाली में और सुधार लाना है ताकि संस्थाओं के खिलाफ ग्राहकों की शिकायतों को दूर करने के लिए रिजर्व बैंक नियम बना सके। बयान में कहा गया, ‘‘इस योजना की केंद्रीय विषयवस्तु ‘एक राष्ट्र-एक लोकपाल’ की अवधारणा पर आधारित है। इसके तहत एक पोर्टल, एक ई-मेल और एक पता होगा, जहां ग्राहक अपनी शिकायतें दायर कर सकते हैं। ग्राहक एक ही स्थान पर अपनी शिकायत दे सकते हैं, दस्तावेज जमा कर सकते हैं, अपनी शिकायतों-दस्तावेजों की स्थिति जान सकते हैं और सुझाव दे सकते हैं।’’
उपभोक्ताओं को क्या होगा फायदा
माना जा रहा है कि बैंक इस नई व्यवस्था आने के बाद टालमटोल नहीं कर पाएंगे। आमतौर पर ऑनलाइन फ्रॉड या एटीएम फिशिंग/धोखाधड़ी से संबंधित केसों में बैंक स्वयं जिम्मेदारी लेने के बजाय उपभोक्ता या अन्य बैंकों को जिम्मेदार करार देते हैं। चूंकि, नई समस्या में सीधे शिकायत पहुंचेगी और इसमें हल पर अधिक जोर दिया जा रहा है, इसलिए कहा जा रहा है कि समस्या के निपटारे की जिम्मेदारी भी बैंक पर हो सकती है।
क्या है मौजूदा व्यवस्था
बतादें कि वैसे, तो हर बैंक में शिकायत का अपना एक अलग नंबर और सिस्टम है और राज्यों के आधार पर लोकपाल भी है। लेकिन ये प्रक्रिया थोड़ी लंबी हैं। उसमें बैंक द्वारा समस्या का हल न किए जाने पर दिक्कत को संबंधित बैंकिंग लोकपाल के पास बढ़ाया जाता है, जो उसे हल करने के लिए हरकत में आता है। इसमें थोड़ा ज्यादा वक्त लगता है। लेकिन ऐसा क्यों माना जा रहा है कि अब शिकायत पर तेजी से कार्रवाई की जाएगी?
छोटे निवेशकों के लिए रास्ता खुलेगा
पीएम मोदी एकीकृत लोकपाल योजना के अलावा खुदरा प्रत्यक्ष योजना की सौगात भी देंगे। दरअसल, केंद्र की तरफ से आरबीआई (भारतीय रिजर्व बैंक) सरकारी प्रतिभूति जारी करता है, जिसे बॉन्ड कहा जाता है। मौजूदा समय में इनमें संस्थागत निवेशकों को ही इन्वेस्ट करने की मंजूरी मिलती है। पर नई व्यवस्था में छोटे निवेशकों के लिए भी रास्ता खुलेगा। वे इसके जरिए सीधे आरबीआई से बॉन्ड ले सकेंगे।