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Coldrif Syrup Case: छिंदवाड़ा जिले में Coldrif कफ सिरप के सेवन से बच्चों की मौत का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। सोमवार को एक और मासूम बच्ची की इलाज के दौरान मौत हो गई, जिससे जिले में मृत बच्चों की संख्या बढ़कर 15 हो गई है। वहीं, बैतूल जिले में पहले ही दो बच्चों की जान इस जहरीले सिरप के कारण जा चुकी है। इस तरह अब तक कुल 17 मासूम बच्चों की मौत हो चुकी है।
नागपुर में इलाज के दौरान बच्ची की मौत
तामिया ब्लॉक के जूनापानी गांव निवासी नवीन डेहरिया ने बताया कि उनकी डेढ़ साल की बेटी पिछले 10 दिनों से नागपुर के एक निजी अस्पताल में भर्ती थी। बच्ची को शुरू में परासिया के निजी डॉक्टर प्रवीण सोनी के पास दिखाया गया था। वहीं से Coldrif कफ सिरप का सेवन कराया गया था। स्थिति बिगड़ने पर डॉक्टर ने बच्ची को नागपुर रेफर किया गया, जहां लगातार इलाज चल रहा था। लेकिन तमाम कोशिशों और खर्चों के बावजूद बच्ची की हालत में सुधार नहीं हुआ और अंततः उसने दम तोड़ दिया।
परिजनों का दर्द
पिता नवीन डेहरिया ने दुख व्यक्त करते हुए कहा कि वे पिछले कई दिनों से नागपुर में बेटी का इलाज करा रहे थे। उम्मीद थी कि डॉक्टर बच्ची को बचा लेंगे, पर अब केवल उसकी यादें ही रह गईं। उन्होंने कहा कि उन्हें नहीं पता था कि जो सिरप डॉक्टर ने दिया, वही उनकी बेटी की मौत की वजह बनेगा।
यह दर्दनाक घटना ऐसे दिन सामने आई जब मुख्यमंत्री मोहन यादव खुद छिंदवाड़ा पहुंचे और मृत बच्चों के परिजनों से मुलाकात कर संवेदना व्यक्त की। उन्होंने प्रशासन को सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। फिलहाल जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की टीमें मामले की गहराई से जांच कर रही हैं। सिरप वितरकों, मेडिकल स्टोर संचालकों और संबंधित डॉक्टरों पर कार्रवाई जारी है।
मौतों का बढ़ता सिलसिला
छिंदवाड़ा और बैतूल में Coldrif कफ सिरप से बच्चों की मौतों का आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है। अब तक कुल 17 बच्चों की जान जा चुकी है, और कई बच्चे अभी भी विभिन्न अस्पतालों में भर्ती हैं। जांच में सामने आया है कि सिरप में खतरनाक केमिकल्स की अधिक मात्रा पाई गई, जिसने बच्चों के लिवर और किडनी को गंभीर नुकसान पहुंचाया।
अब गुजरात की दो कंपनियों के सिरप में भी ‘जहर’ मिला
छिंदवाड़ा से ली गई 19 दवाओं की जांच रिपोर्ट में अब दो और सिरपों में खतरनाक रसायन डायएथिलीन ग्लाइकॉल (DEG) पाया गया है। ये दोनों सिरप गुजरात की फार्मा कंपनियों के हैं
Relife Syrup (Shape Pharma Pvt. Ltd.)
- बैच नंबर: 1.SL.25160
- DEG मात्रा: 0.616%
Respifresh TR Syrup (Rednones Pharmaceuticals Pvt. Ltd.)
- बैच नंबर: RO1GL2523
- DEG मात्रा: 1.342%
यह मात्रा तय मानक 0.1% से कई गुना अधिक है। इस रिपोर्ट के बाद मध्यप्रदेश में इन दोनों सिरपों की बिक्री और वितरण पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। साथ ही गुजरात सरकार को जांच के लिए पत्र भेजा गया है।
कोल्ड्रिफ सिरप में पाया गया था 48% जहर
तमिलनाडु की कंपनी श्रीसन फार्मास्युटिकल्स के सिरप Coldrif के सैंपल में पहले ही 46 से 48% तक DEG पाया गया था। इसी जहरीले तत्व के कारण बच्चों की किडनी और लिवर फेल होने की पुष्टि हुई है।
डॉक्टर के परिवार के मेडिकल स्टोर पर भी कार्रवाई
जिस मेडिकल स्टोर से Coldrif सिरप की 300 बोतलें सप्लाई की गई थीं, वह डॉ. प्रवीण सोनी की पत्नी के नाम पर रजिस्टर्ड था। स्टोर को सोनी का भतीजा राजेश चला रहा था। जांच में अनियमितता और गलत दवा वितरण के प्रमाण मिलने पर मेडिकल स्टोर का लाइसेंस रद्द कर दिया गया है।
नियमों का उल्लंघन
भारत सरकार ने 2023 में यह स्पष्ट निर्देश दिया था कि Chlorpheniramine Maleate और Phenylephrine HCI वाले कफ सिरप चार साल से छोटे बच्चों को नहीं दिए जा सकते। पैकेजिंग पर ‘यह सिरप चार साल से कम उम्र के बच्चों में उपयोग के लिए नहीं है’ जैसी चेतावनी लिखना अनिवार्य था। लेकिन Coldrif सिरप की बोतलों पर ऐसी कोई चेतावनी नहीं दी गई, जिससे ये सीधे छोटे बच्चों तक पहुंच गईं और कई की जान चली गई। इस पूरे मामले में फ़िलहाल पुलिस जांच कर रही है।
बड़ी कार्रवाई:तीन अफसर सस्पेंड
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सोमवार को छिंदवाड़ा पहुंचकर मृत बच्चों के परिजनों से मुलाकात की। इसके बाद भोपाल में स्वास्थ्य विभाग की आपात बैठक बुलाई गई और कई अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई की गई।
ड्रग कंट्रोलर IAS दिनेश कुमार मौर्य पर बड़ी कार्रवाई करते हुए पद से हटाया गया और जीएडी में अपर सचिव बनाए गए। जांच में सामने आया कि राज्य में दवाओं की गुणवत्ता की निगरानी और फील्ड रिपोर्टिंग की जिम्मेदारी थी, लेकिन उन्होंने समय रहते कार्रवाई नहीं की।
जबलपुर ड्रग इंस्पेक्टर जबलपुर शरद जैन को निलंबित किया गया। जांच में सामने आया कि जबलपुर में Coldrif सिरप का स्टॉक और बिक्री पाई गई थी। यह सिरप यहीं से छिंदवाड़ा भेजा गया। चार साल से कम उम्र के बच्चों के लिए चेतावनी जांचने में लापरवाही बरती।
डिप्टी ड्रग कंट्रोलर शोभित कोष्टा को भी निलंबित किया गया। इनके द्वारा बाजार में बिना चेतावनी के सिरप सप्लाई होते रहे। ड्रग इंस्पेक्टर्स को निर्देश जारी करने में लापरवाही की।
ड्रग इंस्पेक्टर छिंदवाड़ा गौरव शर्मा को निलंबित किया गया। इन्होनें जबलपुर से आने वाली दवाओं की निगरानी नहीं की। गाइडलाइन के उल्लंघन और निगरानी में चूक के चलते निलंबन।
अब जांच में कई परतें खुल रहीं
जांच में अब यह सामने आ रहा है कि न समय पर सैंपल जांचे गए, न बाजार में निगरानी रखी गई। स्वास्थ्य विभाग के अंदर की इस लापरवाही ने दर्जनों परिवारों को मातम में डुबो दिया। प्रदेश सरकार ने स्पष्ट कहा है कि दोषी चाहे कोई भी हो, बख्शा नहीं जाएगा।
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