नई दिल्ली। सार्वजनिक क्षेत्र की कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) ने पर्यावरण-अनुकूल कोयला परिवहन को बढ़ावा देने के लिए अगले कुछ साल में 61 संपर्क परियोजनाओं (एफएमसी) पर 24,750 करोड़ रुपये पूंजी निवेश की प्रतिबद्धता जताई है।
परियोजनाएं तीन चरणों में होंगी पूरी
दुनिया की सबसे बड़ी कोयला उत्पादक कंपनी कोल इंडिया ने बयान में कहा कि खदानों से निकलने वाले कोयले को नजदीकी परिवहन केंद्र तक पहुंचाने से संबंधित ये परियोजनाएं तीन चरणों में स्थापित की जाएंगी। एफएमसी परियोजनाएं पूरी होने पर इनकी कुल वहन क्षमता 76.35 करोड़ टन की होगी।
कार्बन उत्सर्जन को कम करने का लक्ष्य
कोल इंडिया के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि कोयला परिवहन का पर्यावरण अनुकूल होना जरूरी है ताकि कोयला खदानों के आसपास रहने वाले लोगों की जिंदगी को बेहतर बनाया जा सके। उन्होंने कहा, ‘‘ये परियोजनाएं कोयले की धूल से होने वाले प्रदूषण और कार्बन उत्सर्जन को कम करने के साथ सड़क परिवहन पर बोझ को भी कम करती हैं।
परियोजनाओं पर 10,750 करोड़ का होगा निवेश
इससे सटीक मात्रा में और गुणवत्ता वाले कोयले का लदान हो पाता है।’’ पहले चरण में 35 एफएमसी परियोजनाओं पर 10,750 करोड़ रुपये का पूंजी निवेश किया जाएगा जिनकी वहन क्षमता 41.45 करोड़ टन होगी। इनमें से 11.2 करोड़ टन क्षमता वाली आठ परियोजनाएं पहले से ही चालू हो चुकी हैं।
बयान के मुताबिक, कोल इंडिया 17.8 करोड़ टन क्षमता वाली 17 अन्य परियोजनाओं को भी चालू करने की तैयारी में है। पहले चरण की बाकी 10 परियोजनाओं के वित्त वर्ष 2024-25 तक शुरू होने की संभावना है।
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