
हाइलाइट्स
- CM योगी ने खातों में भेजी 297 करोड़ की छात्रवृत्ति
- 62 लाख से अधिक छात्रों को मिली छात्रवृत्ति
- सरकार उठाएगी छात्रों की पढ़ाई का खर्च
Scholarship DBT UP: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शिक्षा के क्षेत्र में एक बड़ा और ऐतिहासिक कदम उठाया है। लखनऊ के लोकभवन में आयोजित एक विशेष समारोह में, मुख्यमंत्री ने पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के तहत करीब 5 लाख छात्र-छात्राओं के खातों में ₹297 करोड़ की भारी-भरकम छात्रवृत्ति राशि सीधे ट्रांसफर की। यह पूरी प्रक्रिया 'डीबीटी' यानी डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (सीधा लाभ हस्तांतरण) के जरिए पूरी की गई, जिससे छात्रों को बिना किसी बिचौलिए या देरी के उनका हक सीधे मिला है।
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यह पहला मौका है जब उत्तर प्रदेश सरकार ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए छात्रवृत्ति वितरण की शुरुआत साल के शुरुआती महीनों, यानी सितंबर में ही कर दी है। पहले, छात्रों को अपनी छात्रवृत्ति के लिए पूरे साल का इंतज़ार करना पड़ता था, जो अक्सर साल के अंत में या अगले साल मिलता था। इस समयबद्धता से लाखों गरीब और जरूरतमंद छात्रों को अपनी पढ़ाई का खर्च उठाने में तत्काल राहत मिली है।
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'पिछली सरकारों में होता था भेदभाव
इस मौके पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने संबोधन में पिछली सरकारों की कार्यप्रणाली पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा, "पहले छात्रवृत्ति के लिए छात्रों के चयन की प्रक्रिया में भारी भेदभाव होता था। वर्ष 2016-17 में तो हद ही हो गई थी, जब अनुसूचित जाति और जनजाति (SC/ST) के छात्रों की छात्रवृत्ति की राशि को ही हड़प लिया गया था।" सीएम योगी ने गर्व के साथ घोषणा की कि उनकी सरकार ने इस पुरानी और भेदभावपूर्ण व्यवस्था को पूरी तरह बदल दिया है। उन्होंने बताया कि अब प्रदेश के 62 लाख से अधिक छात्र-छात्राओं को बिना किसी भेदभाव या परेशानी के छात्रवृत्ति का लाभ मिल रहा है।
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अब दो बार मिलेगी छात्रवृत्ति
मुख्यमंत्री ने व्यवस्था परिवर्तन की बात करते हुए कहा, "जब हमारी सरकार सत्ता में आई, तो हमने यह तय किया कि छात्रों को छात्रवृत्ति साल के अंत में सिर्फ एक बार नहीं, बल्कि दो बार दी जाए। यह एक बड़ा निर्णय था और अब यह सफलतापूर्वक लागू हो रहा है। यह बदली हुई व्यवस्था और पारदर्शिता का सबसे बड़ा प्रतीक है।" डीबीटी प्रणाली की तारीफ करते हुए उन्होंने कहा कि अब विद्यार्थियों को अपने पैसों के लिए कहीं भी भटकना नहीं पड़ता है। छात्रवृत्ति सीधे उनके बैंक खाते में पहुंचती है। उन्होंने अनुसूचित जाति और जनजाति के विद्यार्थियों से खासकर अपील की और कहा, "स्कूल जरूर जाएं और अपनी पढ़ाई पूरी करें। जब आप पढ़ेंगे, तभी पूरा समाज बदलेगा और देश आगे बढ़ेगा।"
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ई-गवर्नेंस से ईज़ी गवर्नेंस की तरफ बढ़ता यूपी
इस समारोह में मौजूद यूपी सरकार के मंत्री असीम अरुण ने मुख्यमंत्री की पहल की सराहना की। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में, उत्तर प्रदेश सरकार अब 'ई-गवर्नेंस' (इलेक्ट्रॉनिक शासन) से 'ईज़ी गवर्नेंस' (आसान शासन) की तरफ तेज़ी से कदम बढ़ा रही है। यह सीधा और सरल छात्रवृत्ति वितरण उसी दिशा में एक ठोस कदम है। आंकड़ों की बात करें तो, इस योजना के तहत, पहले चरण में कक्षा 9 से 12 तक के लगभग 2.5 लाख ओबीसी (OBC) छात्रों को लगभग ₹62.13 करोड़ रुपये पहले ही दिए जा चुके हैं। शुक्रवार को, दूसरे चरण में ₹126.68 करोड़ रुपये की राशि 4.83 लाख से अधिक छात्रों के खातों में भेजी गई, जिससे योजना का कुल प्रभाव और व्यापक हुआ है।
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